CBSE की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं! सुप्रीम कोर्ट में टला फैसला, कल फिर होगी सुनवाई | Whether the remaining examinations of CBSE 10th and 12th board will be there or not! Decision postponed in Supreme Court

CBSE की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं! सुप्रीम कोर्ट में टला फैसला, कल फिर होगी सुनवाई

CBSE की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं! सुप्रीम कोर्ट में टला फैसला, कल फिर होगी सुनवाई

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 PM IST
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Published Date: June 23, 2020 8:12 am IST

नई दिल्ली। CBSE की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र सरकार और CBSE बोर्ड ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों की बैठक जारी है और बुधवार शाम तक निर्णय ले लिया जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो CBSE के साथ-साथ ICSE की परीक्षाओं पर भी फैसला लें।

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CBSE बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं कक्षा के बचे हुए 29 विषयों की परीक्षाओं के आयोजन के बजाय छात्रों के असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करने और परीक्षा की तारीख बढ़ाने की योजना है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका में इस साल की बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई थी। ये भी कहा गया था कि CBSE बोर्ड के छात्रों का रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर घोषित किया जाए।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार और CBSE बोर्ड से जवाब मांगे जाने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और CBSE के अधिकारियों की परीक्षाओं को लेकर बैठक हुई, जिसमें कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते फिलहाल जुलाई में आयोजित होने वाली परीक्षा को स्थगित करने पर सहमति बन गई है। बैठक में CBSE बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि दसवीं कक्षा का असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करना आसान है, लेकिन 12वीं कक्षा के मामले में इस तरह रिजल्ट तैयार करने में दिक्कत आएगी क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर आईआईटी, मेडिकल समेत उच्च शिक्षा में दाखिला होता है। स्कूल के इंटरनल असेसमेंट में कई होनहार छात्र भी फिसड्डी हो सकते हैं, बहुत छात्र ऐसे होते हैं जो बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों पर पूरा ध्यान देते हैं और स्कूल की अपनी परीक्षाओं पर ज्यादा समय नहीं लगाते क्योंकि वे फाइनल की तैयारी में लगे रहते हैं और क्लास टेस्ट को तवज्जो नहीं देते हैं।

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इसके अलावा कोचिंग सेंटर में लाखों की तादाद में इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी में जुटे छात्र स्कूल में दाखिला तो लेते हैं, लेकिन क्लास टेस्ट नहीं देते हैं, ऐसे में इन छात्रों का असेसमेंट करना मुश्किल होगा? बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि जब राज्य अपनी बोर्ड परीक्षा करवा रहे हैं तो फिर CBSE बोर्ड की परीक्षा भी करवाई जा सकती हैं। दिल्ली और मुंबई जैसे अधिक कोरोना प्रभावित शहरों को छोड़कर अन्य जगह परीक्षा करवाई जाए, हालात ठीक होने पर बचे हुए शहरों में अगस्त महीने में हालात ठीक होने पर भी परीक्षा करवाई जा सकती है।