नईदिल्ली। निर्भया के गुनहगार पवन, मुकेश और विनय जिस कॉलोनी में रहते थे वहां के निवासियों को उस पल का बेसब्री से इंतजार है जब गुनहगारों को फांसी हो जाएगी। आरके पुरम स्थित रविदास कैंप में इन दोषियों की वजह से कॉलोनी में रह रहे परिवारों के बच्चों की शिक्षा और नौकरी पर असर पड़ा है।
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बस्ती के प्रति नकारात्मक रवैये से यहां के लोग बेहद चिंतित हैं। फांसी का समय नजदीक आने के साथ ही दोषियों के परिवारों का रवैया भी पड़ोसियों के साथ और खराब होता जा रहा है। इस कारण लोगों ने दोषियों और उनके परिवार के बारे में खुलकर बात करने से भी मना कर रहे हैं।
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दिसंबर 2012 में निर्भया के साथ वसंत विहार इलाके में हुई दरिंदगी के दोषियों में से तीन पवन, मुकेश और विनय दिल्ली के आरके पुरम सेक्टर- 3 स्थित रविदास कैंप में रहते थे, जबकि चौथा दोषी अक्षय ठाकुर दिल्ली के अन्य इलाके में रहता था।
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यहां के लोग 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने जब निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने का समय तय किया, तब से ही कैंप वासियों ने राहत की सांस ली है। उन्हें उस समय का बेसब्री से इंतजार है, जब दोषियों को फांसी होगी और उनकी बस्ती से रेपिस्ट की बस्ती का ठप्पा हटेगा।
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कुछ लोगों ने कहा कि वे टीवी चैनलों पर दोषियों की सजा-ए-मौत की खबर देखेंगे। तो कुछ लोगों ने कहा कि जब दोषियों को फांसी होगी तब वे लोग तिहाड़ जेल भी पहुंचेंगे और दोषियों की मौत का जश्न मनाएंगे।
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