धर्म। आज नवरात्र का नवमां और अंतिम दिवस है। नवमीं के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से पूजा भक्तों को सभी सिद्धियां मिलती हैं । इस दिन कन्या पूजन के साथ व्रतधारी अपना व्रत समाप्त करते हैं। कन्याओं को भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लेने का विशेष महत्व है।
ये भी पढ़ें- MY अस्पताल की महिला गायनकोलॉजिस्ट कोराना पॉजिटिव, ड्यूटी के दौरान स…
माता सिद्धिदात्री कमल पर विराजती हैं। माता सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। एक हाथ में कमल, दूसरे हाथ में शंख, तीसरे हाथ में गदा और चौथे हाथ में सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं। सिद्धिदात्री माता का वाहन सिंह है। सिद्धिदात्री को देवी सरस्वती का भी रूप माना जाता है, जो श्वेत कपड़े और गहने धारण करती हैं। ये अपनी विद्या और बुद्धि से भक्तों को भी बुद्धि का वरदान देती हैं।
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ के अब 8 अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की सुविधा, 34 अस्प…
मान्यता है कि देवी सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं। पुराणों में ये बात कही गई है कि भगवान शिव ने माता की कृपा से ही सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। इनकी कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे ‘अर्द्धनारीश्वर’ नाम भी जाने जाते हैं।
ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को लेकर जारी किया मेडिकल बुलेटिन, 24 घंटे…
ऐसे करें पूजा:
नवमीं के इस दिन दुर्गासप्तशती के नवमें अध्याय से माता सिद्धिदात्री का पूजन करें। देवी सहित उनके वाहन, अस्त्र-शस्त्र की पूजा एवं हवन करें। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवी पूजन के बाद कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है। आज के दिन मां सिद्धिदात्री और कन्याओं को हलवा-पूरी, काले चने और नारियल का भोग लगाया जाता है।
बीजमंत्र –
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:
सोमवार का दिन इन तीन राशियों के लिए रहेगा शुभ,…
5 hours agoRahu Gochar 2025: साल 2025 में मालामाल होंगे ये 4…
15 hours agoSomwar Ke Upay: देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने…
16 hours agoKal Ka Rashifal: साल की आखिरी एकादशी पर इन राशियों…
17 hours ago