नई दिल्ली। हरियाणा सरकार के एडिशनल चीफ सेकेट्री ने सभी जिलों में ये लिखित फरमान भेजा है। इस आदेश को हर जिले के ट्रेसरी कार्यालय के बाहर चिपका दिया गया है। हरियाणा सरकार अपने सभी कर्मचारियों के परिवारों के पहचान पत्र बनवा रही है। राज्य सरकार कर्मचारियों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा के लिए कर्मचारियों के परिवार का डाटा तैयार कर रही है।
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इसके लिए मई में हरियाणा सरकार ने सभी संविदा कर्मचारियों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों से फेमिली डिटेल मांगी थी। इसके साथ ही विभिन्न बोर्ड, निगम और विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के परिवार की जानकारी मांगी गई थी। सरकार ने सभी राज्य कर्मचारियों से कहा है कि वे अपने परिवार के डिटेल्स दें, वरना उन्हें सैलरी नहीं दी जाएगी। वहीं, विपक्ष ने इस आदेश को राज्य कर्मचारी विरोधी करार दिया है। बता दें कि सरकार का यह आदेश ऐसे वक्त पर आया है, जब इस साल के अंत में सूबे के विधानसभा चुनाव होने हैं।
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हरियाणा सरकार के फरमान के मुताबिक जुलाई, 2019 की तनख्वाह के लिए सूबे के सभी स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों के परिवार को पहचान पत्र (स्पेशल फैमिली कार्ड) बनवाना होगा। कार्ड बनने के बाद इन कर्मियों को बताई गई वेबसाइट पर परिवार से जुड़ी जानकारियां भी अपलोड करानी होंगी, जिसके लिए 29 जुलाई, 2019 तक की समय सीमा दी गई।
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह कदम और वेबसाइट भ्रष्टाचार रोकने और सुशासन लाने के मकसद से उठाया गया है। कहा जा रहा है कि इस व्यवस्था के अंतर्गत करीब 50 लाख से अधिक परिवारों के ऐसे पहचान पत्र बनाए जाएंगे। जुलाई की सैलरी के लिए सभी राज्य सरकार के कर्मियों को डीडीओ के बार परिवार की जानकारी देनी होगी।
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जानकारों की मानें तो हरियाणा सरकार इसके जरिए अधिकतम डेटा जुटाने की कोशिश में हैं। वह इस कार्ड वाली योजना के माध्यम से पता लगाना चाहती है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के परिवार में कितने सदस्य हैं, परिवार का मुखिया कौन है, कौन घर चलाता है, परिवार में बच्चे कितने हैं, सब लोगों की जाति क्या है और हर सदस्य के पास संपत्ति में क्या-क्या है? सरकार इस डेटा को आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल कर सकती है।
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उधर, इस सरकारी नोटिफिकेशन को विपक्ष ने मुद्दा बनाया है। दावा किया है कि यह व्यवस्था कर्मचारियों के हित में नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही सवाल उठाया है कि सरकार का इस तरह निजी डेटा जुटाने के पीछे क्या मकसद है।
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