नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर ढा रही है, वहीं तीसरी लहर के आसार भी बने हुए हैं, जहां कोरोना की पहली लहर में बुजुर्ग कोरोना के निशाने पर रहे तो दूसरी लहर में युवा ज्यादा शिकार हो रहे हैं, अब तीसरी लहर में बच्चों के कोरोना के निशाने पर आने की आशंका जताई जा रही है, सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से सवाल किया है कि तीसरी लहर में बच्चों को बचाने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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बड़ी बात तो यह है कि देश में 18 साल से कम उम्र वालों के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए क्या किया जाए? इसे लेकर चिकित्सकों ने बचाव और रोकथाम के तरीकों को लेकर चर्चा की, बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीलम मोहन के अनुसार वैक्सीनेशन की रफ्तार, सुपर स्प्रेडर इवेंट्स और म्यूटेशन पर लगातार नजर रखना जरूरी है।
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उन्होंने कहा कि यदि इन तीन बिंदुओं पर हम ध्यान दें तो हो सकता है कि थर्ड वेब को रोकने में सफलता मिल जाए, डॉक्टर नीलम ने कहा कि जो भी वैक्सीन 18 साल से कम उम्र वालों के लिए अप्रूव हो जाती है, हम जल्दी उसका इस्तेमाल शुरू करें, उन्होंने इम्यूनिटी को लेकर भी बात की और कहा कि इसके लिए डाइट, सोने के समय का ध्यान रखना होगा, बच्चों के साथ ज्याद समय बितान होगा।
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बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक गोस्वामी ने कहा कि बच्चे अभी तक इसलिए बचे थे क्योंकि मां-बाप के रेस्ट्रिक्शन को फॉलो कर रहे थे, उन्होंने कोरोना के म्यूटेंट करने की चर्चा करते हुए कहा कि हमें बच्चों को घर के अंदर ही रखना है, प्ले ग्राउंड या स्कूल नहीं जाने देना है। डॉक्टर गोस्वामी ने कहा कि फाइजर की वैक्सीन को 12 से 18 साल की उम्र तक के लिए इस्तेमाल की अनुमति मिल चुकी है, भारत बायोटेक की वैक्सीन भी तीसरे चरण में हैं, इसमें भी तेजी लाई जानी चाहिए और जितनी जल्दी हो सके, हमें 12 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन करना चाहिए।
डॉक्टर विवेक गोस्वामी ने कहा कि वैक्सीनेशन सेंटर ओपन एरिया में बनाना चाहिए, पल्स पोलियो की तरह घर-घर जाकर वैक्सीनेशन की शुरुआत भी की जा सकती है, इससे वैक्सीनेशन सेंटर के जरिए कोरोना फैलने का खतरा कम हो जाएगा।
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वहीं डॉक्टर रवि मलिक के अनुसार किसी भी उम्र में कोरोना हो सकता है, उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना के सिम्पटम कुछ अलग हैं। डॉक्टर मलिक ने तीसरी लहर आने की आशंका जताई और कहा कि इम्यूनिटी बढ़ाने से फर्क पड़ेगा लेकिन हमें इसे रोकना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए जिन उपकरणों की जरूरत है, देश में इस समय उनका अभाव है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पॉजिटिव रखना होगा, घर में एक्सरसाइज कराएं, प्रॉपर डाइट दें।
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