रायपुर, छत्तीसगढ़। राजधानी रायपुर से अगवा किए गए कारोबारी सोमानी को सकुशल छुड़ाने के बाद पूरी घटनाक्रम की परत सामने आ रही हैं। इस पूरे कांड की सबसे पहली कड़ी पुलिस के लिए वरदान साबित हुई। बताया जा रहा है कि इस साजिश में शामिल आरोपी अनिल चौधरी और गैंग का सरगना पप्पू चौधरी रिश्तेदार हैं। रायपुर आकर गैंग का सरगना पप्पू चौधरी रुका था और कारोबारी की रेकी कर उसके अपहरण को अंजाम देने तक शातिर पप्पू चोधरी की मदद की थी।
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पुलिस को इस बात की भनक लगते ही वारदात के तीसरे दिन आरोपी अनिल चौधरी को उसके दोंदेखुर्द स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से गिरफ्तार की थी। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर करीब आठ टीमें बिहार यूपी के लिए रवाना की। बताया जा रहा है कि आरोपी अनिल चौधरी अपने तीन भाई और अपने मां-बाप के साथ बिहार से छत्तीसगढ़ आकर खरोरा के आसपास पंचर की दुकान से कारोबार शुरू किया था और बहुत की कम समय में आरोपी अनिल और उसके भाइयों ने बिंगोली, पिरदा और दोंदेखुर्द में आलीशान मकान बनाया और करीब 10 से ज्यादा हाईवा बना ली।
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बताया जा रहा है कि गुजरात में आरोपी अनिल ने पप्पू चौधरी को गुजरात में छत्तीसगढ़ के बड़े कारोबारियों की सूची बनाकर देने का काम दिया था, जिसके बाद अनिल ने सूची में प्रवीण सोमानी के नाम समेत कई बड़े कारोबारियों के नाम दिए थे। बताया ये भी जा रहा है कि आरोपी अनिल ने ही पप्पू चौधरी और उसके गैंग के सभी सदस्यों को कारोबारी की रैकी करने में मदद की थी। फिलहाल पुलिस आरोपी अनिल से पूछताछ कर गैंग के बाकी सदस्यों जानकारी हासिल करने में जुटी है। आरोपी अनिल की गिरफ्तारी के बाद से पूरा परिवार दोंदेखुर्द के घर पर ताला लगाकर गायब है।
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