पेंड्रा। कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। इस बात को एकबार फिर सार्थक किया है। बिलासपुर की दो होनहार छात्राओं ने। इन छात्राओं ने वैश्विक स्तर पर जंगल में आग जैसी गम्भीर समस्या पर नियंत्रण का उपाय सुझाकर ना सिर्फ अपने शहर का मान बढ़ाया। बल्कि विज्ञान जगत में भी एक अमूल्य योगदान दी है
पढ़ें-एयर कनेक्टिविटी देने की योजना को फिर लगे पंख, घरेलू विमान सेवा से जुड़ेंगे कई शहर
ये हैं भारत माता स्कूल में कक्षा 11वीं में पढ़नेवाली सेंड्रा एन्थोनी और सातवीं की छात्रा हिमांगी हलधर। इन दोनों होनहार छात्राओं ने मिलकर एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। जिसका नाम है इनोवेटिव डिजिटलाइज्ड फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट सिस्टम। जिसे जंगलों में आग लगने की घटना पर तुरंत नियंत्रण करने को लेकर तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट के तहत जंगल में आग लगने पर उठने वाला धुंआ जंगल में लगे ड्रिपिंग सिस्टम को सेंस करेगा। जिससे बिना किसी मैनपावर के आग लगने वाली जगह पर पानी का छिड़काव शुरू हो जायेगा और आग बढ़ने की आशंका कम हो जाएगी।
इसी प्रणाली के तहत सेंसर के माध्यम से संबंधित वन अधिकारियों को भी तत्काल सूचना मिल जाएगी और वन अमला भी आग नियंत्रण प्रणाली से जुड़ जाएगा।
पढ़ें- पचमढ़ी में 2 डिग्री पहुंचा पारा, जमने लगी बर्फ की चादर.. देखिए वीडियो
बीते दिनों अहमदाबाद में NCERT द्वारा आयोजित 45वें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में सेंड्रा और हिमांगी के इस प्रोजेक्ट को काफी सराहा गया और रिसोर्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के इस एकलौते प्रोजेक्ट को काफी तव्वजो दी गई। आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर के किशोर वैज्ञानिक सम्मेलन में भी इसे प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है । इस प्रोजेक्ट में आग बढ़ने और भारी मात्रा में नुकसान होने के बाद नियंत्रण की बजाय। शुरुआती पलों में ही आग पर नियंत्रण के उपाय बताए गए हैं। यह खोज एक साथ फायर कंट्रोल, वन्यजीवों की रक्षा और पर्यावरण को नुकसान होने से बचाएगा ।
AAP MLA Died Due to Bullet Injury : आप आदमी…
2 hours agoBhopal to Hyderabad Flight : राजधानी में आज से शुरू…
21 hours ago