नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार रात सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए निरंतर सतर्कता बरतने और तैयारी की आवश्यकता पर जोर दिया।
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राज्यपाल मलिक ने विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों के लोगों और नेताओं से अपील की है कि वे राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में सरकारी तंत्र का सहयोग करें। राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्रशासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी। गृह मंत्री अमित शाह ने इस अनुच्छेद के कारण राज्य में विकास नहीं होने और आतंकवाद पनपने का दावा करते हुए आश्वासन दिया कि जम्मू कश्मीर को केन्द्रशासित क्षेत्र बनाने का कदम स्थायी नहीं है तथा स्थिति समान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।
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राजभवन के प्रवक्ता के अनुसार, सरकार ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में मौजूदा सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के सलाहकारों के विजय कुमार, के के शर्मा, के स्कंदन और फारूक खान और मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बैठक में भाग लिया। आवश्यक सेवाओं का जायजा लेने के बाद जम्मू से श्रीनगर लौटे कुमार, स्कंदन और खान ने राज्यपाल को बिजली, पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं सहित लोगों को विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं की आवश्यक आपूर्ति तथा वितरण के बारे में जानकारी दी।
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पानी में बह गई एंबुलेंस
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