इंदौर, मध्यप्रदेश। इंदौर में कोरोना वैक्सीनेशन में बड़ी लापरवाही सामने आई है। नगर निगम के 4 कर्मचारियों को गलत डोज़ लगा दिया गया। दूसरा डोज़ लगवाने गए लोगों को पहला डोज लगा दिया गया। हुकुमचंद पॉलिक्लिनिक की इस घटना के बाद लोगों को अब साइड इफेक्ट का डर सताने लगा है।
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देश में इस समय कोरोना टीकाकरण पर अधिक जोर दिया जा रहा है,लेकिन ये टीके कितने असरदार है और कब तक अपना असर बरकरार रखेंगे ये बड़े सवाल भी पैदा करते हैं। इंदौर में वैक्सीन के दो डोज़ पूरे होने के बाद भी दो फ्रंटलाइन वर्कर पॉजिटिव आए है। अब स्वास्थ्य विभाग लोगों को वैक्सीन लगने के बाद भी सावधानियां बरतने की सलाह दे रहा है।
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दरअसल कोरोना वैक्सीन के आने से लोगों में उम्मीद ज़रूर जगी है कि अब वे सामान्य जिंदगी जी पाएंगे। लेकिन कुछ लोग जिन्हें वैक्सीन लगी थी। वो अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे है। शहर में दो डॉक्टर्स टीकाकरण के बाद संक्रमित हुए है। एक डॉक्टर दूसरा डोज लगाने के 3 दिन बाद पॉजिटिव मिले,जबकि दूसरे केस में दूसरे डोज़ के 20 दिन बाद पॉजिटिव मिले है।
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हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को कोरोना से बचाव की सावधानी मास्क, सेनिटाइजर और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। डॉ.अमित मालाकार का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद कभी ये ना सोचे की आपको अब कोरोना नहीं होगा।
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वैक्सीन की एफिशिएंसी 80% है और कई लोगो की इम्यूनिटी पर अलग अलग असर भी पड़ता है। सभी को स्वस्थ रहने के लिए वैक्सीन लगवाने के साथ दूरी, मास्क पहनना बेहद जरूरी है। हालांकि मध्यप्रदेश में ऐसे दस से अधिक मामले अब तक सामने आ चुके है।