राजनांदगांव । जिले के बांधा बाजार में प्राकृतिक छटाओं के बीच पहाड़ी पर विराजित हैं श्री बालाजी हनुमान। लगभग 200 वर्षों से भी पुरानी इस मंदिर में महायोगी सत्यानंद सरस्वती ने भी चतुर्मास किया था। मंदिर में बालाजी हनुमान जी की स्थापना हुई जिसे बालाजी पहाड़ी एवं बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है
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राजनांदगांव जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बांधाबाजार की पहाड़ी पर स्थित है, श्री बालाजी हनुमान मंदिर। यहां संकट मोचन हनुमान बालाजी रूप में विराजमान हैं। पहाड़ी के नीचे तालाब और पहाड़ी के ऊपर यह प्राचीन मंदिर कब से स्थापित है इस गांव के लोगों को भी नहीं मालूम, लेकिन जो उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना है, उसके अनुसार यह मंदिर लगभग 200 वर्षों से भी अधिक पुराना है। गांव के लोग इसे सिद्धपीठ के रूप में मानते हैं। बताया जाता है कि मुंगेर में बिहार योग विद्यालय और देवघर में रिखिया आश्रम जैसे विश्व प्रसिद्ध केंद्रों की स्थापना करने वाले महायोगी स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने बांधाबाजार के इसी पहाड़ी पर चतुर्मास किया था और इसी मंदिर में उन्होंने साधना की थी। योग पब्लिकेशन ट्रस्ट मुंगेर बिहार द्वारा प्रकाशित ‘‘ मेरे आराध्य स्वामी धर्मशक्ति सरस्वती‘‘ नामक पुस्तक में भी इस बात का उल्लेख है।
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बांधाबाज़ार स्थित पहाड़ी में विराजित श्री बालाजी मंदिर की स्थापना 125 वर्ष पूर्व हुई थी । मंदिर में बालाजी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित हुई जिसे बालाजी पहाड़ी एवं बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है, मंदिर के स्थापना के विषय में जानकारी दी गई कि बांधाबाज़ार निवासी बलभद्र लाल जी अग्रवाल को आज से 125 वर्ष पूर्व श्री बालाजी भगवान सपने में आकर स्वयं को इस पर्वत पर विराजमान होने की जानकारी दी और मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर निर्माण कराने के लिए कहा। बलभद्र लाल जी अग्रवाल ने बांधाबाज़ार के समस्त ग्रामवासियों से चर्चा कर समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कराया, एवं आजीवन मंदिर के संचालन हेतु उन्होंने ग्रामवासियो के साथ मिलकर एक संस्था बनाई, संस्था का नाम श्री रामपंचायत मंदिर समिति बांधाबाज़ार रखा गया, भविष्य में मंदिर के आजीवन संचालन के लिए अपने स्वयं की भूमि 20 एकड़ संस्था को दान कर दी।
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बांधाबाजार कि जिस पहाड़ी पर श्रीबालाजी हनुमान का मंदिर है उसी पहाड़ी के बीच एक प्राचीन कुंड भी स्थित है, माना जाता है कि योगी यहीं तप किया करते थे। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पहले कच्चा रास्ता तय करना पड़ता है। इसके बाद तालाब के बहते पानी को पार कर पहाड़ पर पत्थरों की सीढ़ियों से होकर मंदिर तक पहुंचा जाता है। इस मंदिर के पुजारी राधेश्याम शुक्ला का कहना है कि लगभग 70 वर्षों से वे यहां पूजा कर रहे हैं। इससे पहले कब से मंदिर है वे भी नहीं जानते लेकिन इतना जरूर जानते हैं कि यह मंदिर अद्भुत हैं। यहां वर्ष में दो बार हनुमान जयंती और दशहरे के वक्त मेला लगता है जहां भक्त ध्वज चढ़ाने आते हैं। वहीं पहाड़ी पर स्थित एक बरगद के पेड़ से तेज रोशनी निकल कर मंदिर तक भी पहुंचती।
प्राकृतिक सौंदर्य के बीच कई रहस्यों को समेटे हुए स्थापित इस मंदिर पर पहुंचने का रास्ता कठिनाइयों भरा है। पहाड़ी पर पहुंचकर देखने से सीढ़ियों का रास्ता चीन की दीवार सा प्रतीत होता है। वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा इस प्राचीन मंदिर को संरक्षित कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। जहां कई शोध भी किए जा सकते हैं।
मंदिर आने पर भक्तों को बाला जी के दर्शन तो होते ही है साथ ही सफ़र सैर-सपाटे का आनंद भी मिल जाता है। इसकी वजह है आसपास बिखरी कुदरती छटा । जहां पहाड़ के ऊपर से मंदिर परिसर की भव्यता के दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो जाते हैं श्रद्धालु घंटों वहां बैठे रह जाते हैं। बांधाबाजार के श्रीबालाजी हनुमान मंदिर पहाड़ी पर काफी दुर्लभ जड़ी बूटियों के पौधे और वृक्ष भी मौजूद हैं वहीं इसी मंदिर से जुड़ा समीप का ही श्रीराम पंचायत मंदिर भी है जहां यही ही समिति इस मंदिर की देख रखी भी करती है। पहाड़ी पर मौजूद बालाजी हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए पक्के मार्ग की जरूरत महसूस हो रही है, ताकि भक्त आसानी से ऊपर मंदिर तक पहुंच सके। इस मामले में मंदिर समिति के अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल का कहना है कि मंदिर कितना पुराना है यह अब भी रहस्य है। शासन से इस मंदिर के जिर्णोद्धार के लिए मदद की दरकार है।
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बालाजी मंदिर के प्रथम पुजारी स्व. मथुरा प्रसाद दुबे थे। श्री राम पंचायत मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन ( अन्नकूट )गोवेर्धन पूजा के दिन भव्य आयोजन होता है। जिसमे राम पंचायत मंदिर समिति द्वारा इस आयोजन को धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमे बांधाबाज़ार के साथ साथ आस – पास के ग्रामवासी इस अन्नकूट आयोजन में प्रसाद लेने पहुंचते है। यह आयोजन विगत 50 वर्षो से करते आ रहे हैं ।प्राचीन रहस्य और आस्था का अदभुत केंद्र श्रीबालाजी हनुमान मंदिर जिले का अनोखा मंदिर है।
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