रायपुर : प्रदेश में सालों बाद साल 2019 में कांग्रेस सरकार ने नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की, जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इसी मुद्दे पर अब भाजपा सरकार को घरने में जुट गई है। पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट कर सरकार को शिक्षकों की अधूरी पड़ी भर्ती प्रक्रिया पर तंज कसते हुए कहा है कि अगर सरकार ने हजारों शिक्षकों को नियुक्ति दे दी है, तो फिर सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले हजारों अभ्यर्थी कौन हैं? प्रदेश शिक्षा विभाग का तर्क है कि सरकार ने पिछले दिनों ढाई हजार से ज्यादा टीचर्स को ज्वाइनिंग दे दी है, स्कूल खुलते ही बाकियों को पोस्टिंग दी जाएगी। सत्तापक्ष ने मामले में उल्टे रमन सिंह को घेरते हुए पूछा है कि उन्होंने अपने 15 साल में नियमित शिक्षक भर्ती क्यों नहीं की?
ये वही हजारों चयनित शिक्षक अभ्यार्थी हैं, जो पिछले कई महीनों से अपनी नियुक्ति को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। मांग सिर्फ एक है कि सरकार उन्हें ज्वाइनिंग दें। दरअसल, प्रदेश में पंद्रह साल बाद 2019 में कांग्रेस सरकार ने नियमित शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन ये प्रक्रिया आज दो साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बताया गया कोरोना काल और राज्य सरकार की कमजोर आर्थिक स्थिति। जाहिर है अगर एक साथ 14 हजार 580 शिक्षकों की ज्वाइनिंग दी गई तो संकट काल में सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा। ऐसे में सरकार का एक ही जवाब होता है, स्कूल खुलते ही ज्वाइनिंग मिल जाएगी। दूसरी तरफ चयनित अभ्यर्थी कहते हैं कि स्कूल भले ही न खुलें ना खुलें, नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हो चुकी है। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई, बाकी के सरकारी कामकाज सब जारी हैं, फिर उन्हें नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही?
जाहिर है मुद्दा गर्म है। हजारों अभ्यार्थियों और उनके परिवारों से जुड़ा है सो विपक्षी भाजपा भी इस मुद्दे पर अब खुलकर राज्य सरकार को घेरने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया कि विज्ञापन और बयानों में 14 हजार 580 शिक्षकों की भर्ती हो गई है, तो फिर ये जो लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं वो कौन हैं? रमन सिंह ने लिखा कि युवा जूता पालिश व मुंडन कराकर हक के लिए लड़ रहे हैं लेकिन सरकार को अब कुछ सुनाई नहीं देता। भाजपा नेताओं के आरोपों पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने पलटवार करते हुए कहा कि पहले रमन सिंह अपने 15 साल का कार्यकाल याद करें। मुद्दे पर सत्तापक्ष विपक्ष में जमकर वार-पलटवार जारी है।
कुल मिलाकर राज्य सरकार कह रही है कि स्कूल खुलते ही चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग मिल जाएगी और फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर के बच्चों पर मंडराते खतरे को देख स्कूल कब खुलेंगे ये किसी को पता नहीं। अभ्यर्थियों की सबसे बड़ी चिंता और सवाल भी यही है आखिर वो कब तक इंतजार करें, उन्हें कब समाधान मिलेगा?