अंबिकापुर। सरगुजा में भाजपा संगठन चुनाव को लेकर गुटबाजी का आलम चरम पर है, हद तो यह कि यहां 12 मंडलों में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी थी, मगर अब तक महज 8 मंडल अध्यक्ष ही चुने गए हैं और उनमें भी विरोध और गुटबाजी आम हो चुकी है। यही कारण है कि 4 मंडलों के चुनाव पर अब तक सहमति नहीं बन सकी हालांकि भाजपा किसी गुटबाजी से इनकार करते हुए जल्द ही बचे हुए चारों मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति की बात जरूर कह रही है।
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दरअसल अंबिकापुर में भाजपा के द्वारा संगठन चुनाव की प्रक्रिया की जा रही थी इसके तहत मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी थी। अंबिकापुर शहर समेत उदयपुर जैसे चार मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी है, इन मंडलों में एक से अधिक दावेदारों के सामने आने के बाद आम सहमति नहीं बन सकी, यही कारण है कि बड़े नेता भी अपने अपने चहेतों को अध्यक्ष बनाने की जुगत में लगे हुए हैं। जिसके कारण चारों मंडलों में अध्यक्ष के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।
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8 मंडलों में चुने गए मंडल अध्यक्षों के चुनाव में भी भाजपा में जमकर गुटबाजी दिखी थी, जहां कार्यकर्ता अपने जिला स्तर के नेताओं से ही नाराज नजर आ रहे थें ऐसे में 4 मंडलों में नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण जिला अध्यक्ष का चुनाव भी अब तक नहीं हो सका है जिससे भाजपा की गुटबाजी अब आम हो चली है, हालांकि सरगुजा भाजपा का कहना है कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं और जल्द ही चारों मंडलों के अध्यक्षों की नियुक्ति कर ली जाएगी।
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मगर जिस तरह से 8 मंडलों में चुनाव के बाद गुटबाजी सामने आई है उससे अब विवादित चारो मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति करना नेताओं के बस में नजर नहीं आ रहा ऐसे में अब पार्टी के हाईकमान के निर्देश के बाद ही इन मंडलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो सकेगी।
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