लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद पर दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत का दौर चल रहा है। पिछली कुछ बैठकों में चीन ने भले ही लचीलापन दिखाया हो, लेकिन वह अभी भी फिंगर एरिया से पूरी तरह से पीछे हटने को तैयार नहीं है। अभी भी चीन फिंगर एरिया में अपनी कुछ मौजूदगी चाह रहा है।
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हालांकि, बातचीत के दौरान चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में झड़प वाली जगह से अपने सैनिकों और वहां अपनी मौजूदगी को पूरी तरह से पीछे खींचने पर सहमत हो गया था। कई जगह से भारत-चीन सैनिक पीछे भी हटे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ‘भारत-चीन के बीच बातचीत के दौरान चीनी पक्ष ने फिंगर 8 के पास वाले क्षेत्रों से पूरी तरह से हटने के लिए अनिच्छा जाहिर की।’ उन्होंने आगे बताया कि फिंगर 4 के पास के इलाकों में, चीनी सैनिकों ने ब्लैकटॉप और ग्रीनटॉप से अपने बुनियादी ढांचे को खत्म करना शुरू कर दिया है।
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हालांकि, भारत ने वार्ता में स्पष्ट रूप से संदेश दे दिया है कि चीन को सभी जगहों से वापस हटना ही होगा। भारत ने दो टूक कहा है कि चीन को झड़प वाली जगह पर अप्रैल-मई वाली यथास्थिति को कायम करना होगा। दोनों देशों की थल सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच तकरीबन 15 घंटे की गहन चर्चा चली। भारत की ओर से वार्ता का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया। दोनों पक्षों के बीच वार्ता की शुरुआत 14 जुलाई को सुबह 11:30 बजे शुरू हुई, जोकि देर रात दो बजे तक चली।
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बीते दिनों भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच सीमा विवाद पर तकरीबन दो घंटे तक टेलीफोन पर बातचीत हुई थी, जिसके बाद दोनों देश पूरी तरह से सीमा से पीछे हटने और वापस यथास्थिति कायम करने पर राजी हुए थे।
खबर इजराइल यमन
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