रायपुरः छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का दो साल के कार्यकाल पूरा होने पर हमारे चैनल #IBC24 ने रविवार को एक खास कार्यक्रम #ThankYouCm का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने शिरकत की। इस आयोजन के दौरान कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने #IBC24 के सवालों के बेबाकी से जवाब दिए।
#ThankYouCm कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार के कृषि कानून को लेकर छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारा कहना है कि कृषि केवल और केवल राज्य का विषय है और इसमें कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य को है। इसलिए हमने कानून बनाया ताकि केंद्र का कानून छत्तीसगढ़ में प्रभावी न हो सके। हम उसको निष्प्रभावी बनाएंगे और अपने कानून की तहत से हम एग्रीकल्चर का विन्मयन और व्यापार को नियंत्रित करेंगे। हम देखेंगे कि हमारे किसानों का शोषण न हो, केंद्र का कानून उनका संरक्षण न करे, किसानों का संरक्षण करे, ये हमारी गारंटी है।
प्रश्नः छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लोग किसानों का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे थे, क्या आपको कुछ आंदोलन खड़ा होता दिख रहा है आपको?
जवाबः सार्वजनिक तौर पर हम कह रहे हैं। हिंदूस्तान के किसानों के साथ पूरी कांग्रेस पार्टी खड़ी है, रोज राहुल गांधीजी ट्वीट कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष्य में दो बातें समझ लीजिए दिल्ली को घेरकर जो किसान खड़े हैं, उनको चिंता है कि एमएसपी मिलेगा कि नहीं? केंद्र के कृषि कानून के लागू होने के बाद एफसीआई धान खरीदी बंद कर देगी और प्राइवेट मंडिया बिहार, ओडिशा और झारखंड की तरह 1000 रुपए में धान खरीदी करेगी। यही उनकी सबसे बड़ी आशंका है और छत्तीसगढ़ में अभी 2500 रुपए हम किसानों को भुगतान कर रहे हैं। भूपेश है तो भरोसा है। छत्तीसगढ़ के किसानों को इस सरकार पर जितना भरोसा है उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। इसीलिए पहले साल हमने किसानों की धान खरीदी का 20 हजार करोड़ रुपए अदा किया है।
पिछले साल राजीव गांधी न्याय योजना के लिए 5700 करोड़ बजट में पारित किया। 4500 करोड़ रुपए हमने किसानों के खाते में ट्रांसफर किया। इसीलिए आप देखेंगे कि पूरे हिंदूस्तान में जीएसटी का कलेक्शन कम हुआ, लेकिन छत्तीसगढ़ में 23 प्रतिशत जीएसटी कलेक्शन हुआ। ये कैसे हुआ? सरकार ने किसानों का पैसा दिया, बाजार में पैसा आया। इस साल प्रदेश में 90 लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी होना है।
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