नई दिल्ली। नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए चारों आतंकी कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश को वारदात देने के फिराक में थे। प्रधानमंत्री मोदी ने एनकाउंटर के बाद गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश सचिव के साथ समीक्षा बैठक की थी। सूत्रों की मानें तो बैठक में ऐसे संकेत मिले हैं कि 26/11 की वर्षगांठ पर आतंकी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
बता दें गुरुवार को घुसपैठ के दौरान नगरोटा में चार आतंकी मार गिराए थे। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों से पहले आतंकियों की पुलवामा जैसा हमला दोहराने की साजिश थी।जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे स्थित नगरोटा में बान टोल प्लाजा के पास यह मुठभेड़ हुई थी।
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खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबल बान टोल प्लाजा के पास नाका लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। सुबह पांच बजे के करीब एक ट्रक में आतंकियों का समूह जम्मू-श्रीनगर हाईवे के रास्ते कश्मीर जा रहा था। ट्रक को नाके पर रोका गया और चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान ट्रक में सवार आतंकियों को सरेंडर करने को कहा गया लेकिन आतंकी बाहर नहीं निकले, जिसके बाद ट्रक को निशाने में लेकर ब्लास्ट कर दिया गया। चारों आतंकी मारे गए। ट्रक से भारी मात्रा में गोला बारूद के साथ हथियार बरामद किए गए हैं।
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बता दें नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों का सीधे पाकिस्तानी सेना से कनेक्शन होने का पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तानी सेना ने ही आतंकियों की भारतीय सीमा में घुसपैठ कराई थी। सेना का मुख्यालय जिस इलाके में होता है वहां कड़ी चौकसी होती है, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात होते हैं। इसलिए ये बात पुख्ता है कि चारों आतंकियों की घुसपैठ का सुरक्षित रास्ता पाकिस्तानी रेंजर्स ने ही चुना था। इसलिए ये आतंकी भारतीय सेना की नजर से बचने में कामयाब हुए।