खरगोन। कोरोना अब वैश्विक महामारी बन चुका है। संकट के इस दौर में पूरा विश्व एकजुट है। एक ओर जहां सामाजिक मेल-मिलाप में दूरियां बनाए रखने की अपील की जा रही है, वहीं दूसरी ओर हर वर्ग के लोग इन निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में तत्परता दिखा रहे हैं। संकट के इस दौर में जरूरतमंदों की सहायता के लिए शिक्षक आगे आएं हैं। खरगोन जिले के शिक्षकों ने 1 करोड़ 14 लाख की राशि दान देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री राहत कोष में ये अंशदान दिया है। शिक्षकों ने समाज से अपील की है कि संकट के इस दौर में दूर-दूर रहकर भी एकजुटता का परिचय दें। घर से बाहर न निकलें। सुरक्षा निर्देशों का कड़ाई से स्वयं पालन करें और कराएं।
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खरगोन जिले में कोरोना से बचाव के लिए जिले के 4596 शिक्षकों ने 1 करोड़ 14 लाख की मदद मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ऐलान किया है। तकरीबन 26 सौ शिक्षक अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराएंगे।
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इससे पहले छत्तीसगढ़ में कोरोना के रोकथाम और जरूरतमंदों के मदद के लिए एक के बाद एक मदद करने लोग सामने आ रहे हैं। प्रदेश के मंत्री, विधायक, सांसद के साथ—साथ अब भारतीय वन सेवा के अधिकारी ने अपना वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा किया है।
अधिकारी ने लगभग 75 लाख रुपए कोष में दान किया है। साथ ही शालेय शिक्षाकर्मी संघ के शिक्षक भी एक दिन का वेतन दान करेंगे। बता दें कि मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत, कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा, नगर निगम सभापति ने वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष जमा किया। वहीं आज भी कई लोग कोरोना के रोकथाम और मदद के लिए आगे आए।
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