दुर्ग । लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न दलों में प्रत्याशी चयन के लिए माथापच्ची जारी है। बदलते घटनाक्रम में रोजाना अलग-अलग दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बीजेपी जहां मौजूदा सभी सांसदों के टिकट काट रही हैं तो वहीं समर्थकों के जरिए सासंद दवाब बनाने में जुट गए हैं। बीजेपी में रस्साकसी के बीच कांग्रेस के हालात भी कमोवेश वैसे ही हैं। कही पुराने सांसदों के नाम काटे जाने की बात सुर्खियों में है तो कही हारे हुए विधायक को टिकट ना देने की चर्चा जोरों पर है।
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वर्तमान लोकसभा में प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट दुर्ग लोकसभा की मानी जा रही है । यहां भी प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में आला कमान के निर्देश का इन्तजार हो रहा है। इस सीट पर सांसद रहे ताम्रध्वज साहू अब विधानसभा में मंत्री पद संभाल रहे हैं, ताम्रध्वज साहू की जगह कौन लेगा इस पर उचित प्रत्याशी चयन को लेकर माथा पच्ची जारी है। दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।
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कांग्रेस में कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू को दुबारा लोकसभा चुनाव लड़ाए जाने की बात भी सामने आ रही है, हालांकि खुद ताम्रध्वज साहू का मानना है की पार्टी के आदेश का पालन हमेशा से करते आया हूं,राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनाने के लिए हर सीट अनमोल है लेकिन हर बार मेरा चुनाव लड़ना भी उचित नहीं है। दुर्ग लोकसभा सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर हो रही दिल्ली की बैठक में अपनी राय को महत्व देने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखे जाने वाली बात को ताम्रध्वज साहू ने सिरे से खारिज करते हुए कहा की राहुल गांधी को किसी तरह की कोई चिट्ठी नहीं भेजी है। मेरी फितरत नहीं की मैं कोई प्रेशर पॉलिटिक्स करुं।