धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था, फरवरी का खाद्यान्न वितरण जनवरी में ही करने के निर्देश | Tackling arrangements for paddy purchase

धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था, फरवरी का खाद्यान्न वितरण जनवरी में ही करने के निर्देश

धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था, फरवरी का खाद्यान्न वितरण जनवरी में ही करने के निर्देश

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 PM IST
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Published Date: January 16, 2021 2:40 pm IST

रायपुर। राज्य शासन द्वारा धान खरीदी के लिए बारदानों की संभावित कमी की पूर्ति के लिए पीडीएस के बारदानों से खरीदी करने की अनुमति दी गई है। अतिरिक्त बारदानों की प्रतिपूर्ति के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत माह फरवरी 2021 के खाद्यान्न का आवंटन एवं वितरण माह जनवरी में ही करने की अनुमति प्रदान की गई है। राज्य के सभी जिलों के खाद्य नियंत्रक एवं खाद्य अधिकारियों से खाद्यान्न वितरण पश्चात पीडीएस के बारदानों को धान खरीदी के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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छत्तीसगढ़ राज्य सरकारी विपणन संघ मर्यादित नवा रायपुर द्वारा आज आदेश जारी कर राज्य के समस्त जिला विपणन अधिकारियों को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन के लिए बारदाना उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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आदेश के अनुसार राज्य में धान खरीदी के लिए भारत सरकार से नये जूट बारदानों की बहुत कम आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए किसानों के पुराने जूट बारदानों में भी धान खरीदी की अनुमति दी गई है। अब तक हुई धान खरीदी में उपयोग किए गए बारदानों की समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि प्रायः समितियों में मिलर, एचडीपीई, पीपी व अन्य किश्म के बारदाने उपलब्ध होने के बावजूद किसान बारदाने में खरीदी की जा रही है।

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आगामी सप्ताह की धान खरीदी में उपलब्ध एचडीपीई, पीपी एवं एक भर्ती एचडीई, पीपी बारदानों का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए। आगामी सप्ताह के अंत में किसी भी जिले में नए एचडीपीई, पीपी के बारदाने समितियों, गोदामों में शेष नहीं होने चाहिए। मिलरों से प्राप्त होने वाले पुराने बारदानों की लक्ष्य के अनुसार पूर्ति कराएं। मिलरों से 2 लाख 69 गठान बारदाना प्राप्त करने का लक्ष्य है। इसके विरूद्ध अब तक एक लाख 42 हजार 360 गठान बारदाने मिलरों से प्राप्त हुए हैं और 60 हजार 110 गठान बारदाना लेना शेष हैं।

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आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य के सभी जिलों की सभी समितियों को धान उपार्जन के लिए उपलब्ध मिलर व एचडीपीई, पीपी बारदानों का उपयोग उनके द्वारा नहीं किया जाता है, तो उनके पास इन शेष बारदानों की वापसी नहीं किया जाएगा और शेष बारदानों की राशि की कटौती संबंधित समितियों से की जाएगी। किसानों के द्वारा अब तक उपलब्ध कराए जा चुके पुराने जूट बारदानों के भुगतान के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार प्रस्ताव देने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों को निर्धारित दर पर अविलम्ब भुगतान भुगतान किया जा सके।