गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में प्रदर्शित झांकी के नर्तक दल ने सीएम भूपेश से की मुलाकात, मुख्यमंत्री ने भेंट किया उपहार | Tableau dancers meet CM Bhupesh on Republic Day in Delhi

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में प्रदर्शित झांकी के नर्तक दल ने सीएम भूपेश से की मुलाकात, मुख्यमंत्री ने भेंट किया उपहार

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में प्रदर्शित झांकी के नर्तक दल ने सीएम भूपेश से की मुलाकात, मुख्यमंत्री ने भेंट किया उपहार

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 PM IST
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Published Date: February 11, 2021 2:31 pm IST

रायपुर। गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर ’’छत्तीसगढ़ के पारम्परिक लोक वाद्य’’ थीम पर प्रदर्शित छत्तीसगढ़ राज्य की झांकी के साथ शामिल लोक कलाकारों का दल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज उनके निवास में सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर दल के प्रमुख लोक रागिनी और कुहुकी संस्था के संचालक रिखी क्षत्रिय ने मुख्यमंत्री को उपहार स्वरूप तम्बूरा भेंट किया। मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की झांकी के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कलाकारों सहित पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी मौजूद थे।

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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर आधारित राज्य की झांकी देश भर के लोगों का आकर्षण का केन्द्र बनी रही। छत्तीसगढ़ की झांकी में छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वाद्य वैभव को प्रदर्शित किया गया है। छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्यों को उनके सांस्कृतिक परिवेश के साथ बडे ही खूबसूरत ढंग से इसे दिखाया गया। प्रस्तुत झांकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर में स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किए गए। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों तथा रीति-रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया था।

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झांकी के ठीक सामने वाले हिस्से में एक जनजाति महिला बैठी थीं, जो बस्तर का प्रसिद्ध लोक वाद्य धनकुल बजा रही थी। धनकुल वाद्य यंत्र, धनुष, सूप और मटके से बना हुआ था। झांकी के मध्य भाग में तुरही है। तुरही के ऊपर गौर नृत्य प्रस्तुत करते जनजाति हैं। झांकी के अंत में माँदर बजाता हुआ युवक था। झांकी में इनके अलावा अलगोजा, खंजेरी, नगाड़ा, टासक, बांस बाजा, नकदेवन, बाना, चिकारा, टुड़बुड़ी, डांहक, मिरदिन, मांडिया ढोल, गुजरी, सिंह बाजा या लोहाटी, टमरिया, घसिया ढोल, तम्बूरा को शामिल किया गया था।

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मुलाकात करने वालों में नर्तक दल के सदस्य कुलदीप सार्वा, उग्रसेन देवदास, रामकुमार पाटिल, डोरे लाल साहू, प्रदीप ठाकुर, जयालक्ष्मी ठाकुर, कु. केवरा सिन्हा, संजीव राजपूत, पारस रजक, नेहा विश्वकर्मा, साधना शामिल थे। इस अवसर पर आयुक्त सह संचालक जनसम्पर्क तारन प्रकाश सिन्हा, अपर संचालक जे.एल. दरियो, संयुक्त संचालक पवन कुमार गुप्ता और छत्तीसगढ़ झांकी के टीम लीडर तेजबहादुर सिंह भुवाल उपस्थित थे।