भोपाल: बर्खास्त भाजपा विधायक प्रह्लाद लोधी की बहाली को लेकर संशय बरकरार है। सचिवालय ने प्रह्लाद के नाम को विधायकों की सूची से हटा दिया गया है। साथ ही उनके एकाउंट को ब्लॉक करने की तैयारी की जा रही है। अब ऑनलाइन नहीं पूछ सकेंगे सवाल। वहीं, दूसरे ओर इस मामले में राज्यपाल ने चुनाव आयोग से अभिमत मांगा है। बताया जा रहा है कि उन्हें शीत सत्र की सूचना भी नहीं भेजी गई है।
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वहीं, दूसरी ओर मामले को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एमपी सरकार ने एडवोकेट जनरल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। दायर याचिका में सरकार ने हाई कोर्ट से प्रह्लाद लोधी की सजा पर लगाई रोक को हटाने की मांग की है।
गौरतलब है कि भोपाल की विशेष अदालत ने 2014 में एक तहसीलदार से मारपीट के मामले में 2 साल की सज़ा सुनाई थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता शून्य घोषित कर दी थी। लोधी विशेष कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने प्रह्लाद लोधी की सज़ा पर 7 जनवरी 2020 तक स्टे दे दिया है। सज़ा पर स्टे मिलने के बाद लोधी की विधायकी को लेकर कांग्रेस-बीजेपी दोनों में लगातार टकराहट चल रही है। अब कांग्रेस ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसमें प्रह्लाद लोधी की सज़ा पर हाईकोर्ट का स्टे हटाने का आग्रह किया गया है।
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