छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा खरखरा बांध से जल प्रदाय करने के लिए सर्वेक्षण का मामला, रमन के सवाल पर मंत्री चौबे ने दिया जवाब | Survey case for supply of water from rajnandgoan Kharkhara Dam raised in Chhattisgarh Legislative Assembly

छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा खरखरा बांध से जल प्रदाय करने के लिए सर्वेक्षण का मामला, रमन के सवाल पर मंत्री चौबे ने दिया जवाब

छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा खरखरा बांध से जल प्रदाय करने के लिए सर्वेक्षण का मामला, रमन के सवाल पर मंत्री चौबे ने दिया जवाब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : March 5, 2021/7:55 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राजनांदगांव नगर निगम को अमृत मिशन के तहत खरखरा बांध से जल प्रदाय करने के लिए सर्वेक्षण का मामला उठाया। रमन ने सदन में पूछा कि जल संसाधन विभाग द्वारा सर्वेक्षण करने हेतु किस प्रकार का प्रस्ताव भेजा। प्रस्ताव में विभाग द्वारा कितनी राशि की मांग की गई। क्या उक्त राशि का आवंटन कर दिया गया। इस पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सर्वेक्षण करने के लिए विभाग द्वारा 1 करोड़ की राशि मांग की। राजनांदगांव नगर निगम ने मांग की है, जो अब तक अप्राप्त है। यह राशि प्राप्त होने के बाद सर्वेक्षण किया जाएगा।

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अमानक उर्वरक कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई का मामला उठा

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अमानक उर्वरक कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई का मामला उठाया। पूछा कि वर्ष 2018 -19 और 2019- 20 में विभिन्न कंपनियों के कितने उर्वरकों का सैंपल लिए गए। कितने उर्वरकों के सैंपल मानक और अमानक पाए गए? अमानक उर्वरक कंपनियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है। क्या इन कंपनियों से किसानों को मुआवजा या क्षतिपूर्ति राशि दिलाई गई?

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सवाल पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने लिखित उत्तर में जानकारी दी। बताया कि 2018-19 में 2870 औऱ वर्ष 2019-20 में 3379 नमूना भेजा गया। विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला भेजा गया है। वर्ष 2018 -19 में 2610 नमूना मानक और 185 नमूना अमानक पाए गए। 2019 – 20 में 3034 नमूना मानक और 202 नमूना अमानक पाया गया। आमानक पाए उर्वरक की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अमानक पाए गए उर्वरक के विरुद्ध किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है।

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बिलासपुर में क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान भवन की स्वीकृति का मामला उठा

BJP विधायक रजनीश सिंह ने बिलासपुर में क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान भवन की स्वीकृति का मामला उठाया। शिक्षण संस्थान के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। पूछा कि भवन का निर्माण कब पूरा हुआ? उसके निर्माण पर कितनी राशि खर्च की गई। मंत्री अनिला भेड़िया ने जवाब दिया। बताया कि व्यवस्था की पूर्ति नहीं किए जाने कारण संचालन की दृष्टि से भवन अपूर्ण है। हॉस्टल और कर्मचारी आवास भवन में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति नहीं की गई। वर्ष 2005-06 में सुविधाओं की पूर्ति नहीं की गई। संस्थान के प्रशासकीय भवन के निर्माण पर 64.33 लाख खर्च की जानकारी। हॉस्टल व कर्मचारी भवन के निर्माण पर 111.28 लाख खर्च होने की जानकारी दी गई। निर्माण एजेंसी ने जानकारी दी है कि क्योंकि भवन का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इसलिए इसका हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है।

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BJP सदस्य बृजमोहन अग्रवाल और शिवतरन शर्मा ने भी कहा कि निर्माण पूरा नहीं होने का कारण बताए। इस पर मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि 15 सालों से इसका निर्माण आप लोग नहीं कर पाए। हम लोग लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। मंत्री के जवाब पर भाजपा के सदस्यों ने नाराजगी जताई। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इसका निर्माण जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

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BJP विधायक सौरभ सिंह ने दिव्यांगों के लिए सामग्री क्रय पर उठाया सवाल। जांजगीर-चांपा में समाज कल्याण विभाग द्वारा किए क्रय पर सवाल किया। पूछा कि सामग्री को किस एजेंसी से खरीदा गया? कब निविदा बुलाई गई थी? यदि निविदा नहीं बुलाई गई, तो किस प्रक्रिया के अंतर्गत सामग्री का क्रय हुआ? महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि जिला स्तर में यह खरीदी होती है। जिला प्रशासन जांच करके इसकी खरीदारी करता है। सत्यापन करने के पश्चात ही निविदा आमंत्रित की जाती है। विधायक सौरभ सिंह ने पूछा निविदा बुलाई गई है या नहीं ? उन्होंने खरीदी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। इस पर विस अध्यक्ष ने निविदा के संबंध में जांच के आदेश दिए।