रायपुर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान स्कूलों में अंडा वितरण का मामला गूंजा। मामले में विपक्ष के सवालों में सरकार घिरती हुई नजर आई। प्रदेश के 12 जिलों में मध्यान भोजन में अण्डे का वितरण नहीं किया जा रहा है। डॉ कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि प्रदेश बस्तर, बलरामपुर, सुकमा, सूरजपुर, कोरिया, कांकेर, जशपुर जैसे सुदूर जिलों अंडे का वितरण नहीं किया जा रहा है। प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने सरकार पर अंडा वितरण करने के नाम पर अण्डा वितरण एजेंसी को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।
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सदन में सोया दूध के खराब होने का मामला भी उठा। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि दुर्ग जिले में खराब सोया दूध बांटा जा रहा है।
डॉ कृष्णमूर्ति बांधी के सवाल पर पर सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले में अंडे का विरोध नहीं हो रहा है। स्थानीय स्तर पर अंडे वितरण की व्यवस्था की जाती है। डीएमएफ से भी अंडा वितरित किया जा रहा है। अंडा जहां नहीं पहुंच पा रहा है, वहां जल्द व्यवस्था कराई जाएगी।
वहीं, खराब सोया दूध वितरण को लेकर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि सोया दूध 90 दिनों तक सामान्य टेम्परेचर में खराब नहीं होता। लेकिन प्रेमसाय के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद स्पीकर चरणदास महंत ने सरकार को मामले में जांच के निर्देश दिए हैं।
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