नई दिल्ली। चीन से जारी तनातनी के बीच आज पीएम मोदी अचानक लेह दौरे पर पहुंचकर सेना के अफसरों से अहम चर्चा की। उनके साथ सीडीएस बिपिन रावत और सेना अध्यक्ष भी मौजूद थे। चीन की नापाक हरकत के बाद से भारतीय सेना लद्दाख में अलर्ट मोड पर आ गई है।
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चीन को मुंहतोड़ जवाब देने भारत ने लद्दाख में स्पेशल फोर्सेज की तैनाती कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, देश के अलग-अलग स्थानों से पैरा स्पेशल फोर्स की यूनिट को लद्दाख में ले जाया गया है, जहां वे अभ्यास कर रहे हैं। स्पेशल फोर्सेज ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। सूत्रों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनका इस्तेमाल चीन के खिलाफ भी किया जा सकता है।
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भारत में 12 से अधिक स्पेशल फोर्सेज की रेजिमेंट हैं जो अलग-अलग इलाकों में ट्रेनिंग लेती हैं। जम्मू और कश्मीर में तैनात स्पेशल फोर्सेज की टुकड़ियां लेह में और उसके आस-पास के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में नियमित रूप से वारगेम्स का अभ्यास करती हैं। स्पेशल फोर्सेज की टुकड़ियों को पूर्वी लद्दाख में तैनात किया गया है। उन्हें उनकी भूमिकाओं के बारे में पूरी तरह से अवगत कराया गया है, जिसे चीन के साथ दुश्मनी बढ़ने पर अंजाम देना पड़ सकता है।
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15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़क के बाद और बढ़ गया। इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की कोई जानकारी नहीं दी है। भारतीय सेना का दावा है सेना के जांबाजों ने 40-45 चीनी सैनिकों को मार गिराया है।
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चीन से तनाव के बीच मोदी सरकार कई बड़े फैसले भी ले रही है। गुरुवार को ही रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में 21 मिग-29 और 12 सुखोई (एसयू-30 एमकेआई) लड़ाकू विमानों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही 59 मिग-29 लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन की भी मंजूरी दी गई है। मिग-29 लड़ाकू विमानों की खरीद रूस से की जाएगी। साथ ही मौजूदा मिग-21 लड़ाकू विमानों का अपग्रेडेशन भी से कराया जाएगा।
फ्रांस में बन रहे 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहले छह विमानों की पहली खेप भारतीय वायुसेना को 27 जुलाई को सौंप दी जाएगी। राफेल विमान आधुनिक युद्ध में खेल का पासा पलटने वाले बताए जाते हैं।
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इन राफेल विमानों में तैनात की जाने वाली हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों की सप्लाई भी कुछ दिनों के भीतर होगी। यहां मिली रिपोर्टों के मुताबिक विमान पर लगने वाली संहारक मेटियोर और स्काल्प मिसाइलों की सप्लाई फ्रांस की वायुसेना अपने भंडार से निकाल कर देगी। इन मिसाइलों की बदौलत भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना का मुंहतोड जवाब देने में सक्षम होगी। हालांकि भारतीय वायुसेना के मौजूदा सुखोई-30 एमकेआई और मिराज-2000 लड़ाकू विमान भी चीनी वायुसेना पर भारी पड़ेगे।
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इसके साथ ही अमेरिका ने भी दुनिया का सबसे एडवांस फाइटर जेट F-35 भी भारत को देने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच डील का भी जल्द ऐलान हो सकता है।