CAA को लेकर SC ने कहा- हिंसा थमने के बाद कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगा.. | Supreme court says : Country is going through a critical time

CAA को लेकर SC ने कहा- हिंसा थमने के बाद कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगा..

CAA को लेकर SC ने कहा- हिंसा थमने के बाद कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगा..

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 PM IST
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Published Date: January 9, 2020 9:41 am IST

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून संवैधनिक घोषित करने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करने से सुपीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि देश में हिंसा थमने के बाद नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

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प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने याचिका पर कहा कि पहली बार कोई किसी कानून को संवैधानिक घोषित करने का अनुरोध कर रहा है।

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‘इस समय इतनी अधिक हिंसा हो रही है और देश कठिन दौर से गुजर रहा है और हमारा प्रयास शांति के लिए होना चाहिए। इस न्यायालय का काम कानून की वैधता निर्धारित करना है न कि उसे संवैधानिक घोषित करना।’

<blockquote
class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Supreme Court to
lawyer Vineet Dhanda who filed plea seeking strict legal action against
&#39;those disturbing peace and harmony over Citizenship Amendment
Act&#39; : Country is going through a critical time, the endeavour
must be to bring peace and such petitions don’t help. <a
href="https://t.co/R8ymEIBDcT">pic.twitter.com/R8ymEIBDcT</a></p>&mdash;
ANI (@ANI) <a
href="https://twitter.com/ANI/status/1215154258359668736?ref_src=twsrc%5Etfw">January
9, 2020</a></blockquote>
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सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वालों में कांग्रेस के जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, राजद नेता मनोज झा, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, गैर सरकारी संगठन ‘रिहाई मंच’ और ‘सिटीजंस अगेन्स्ट हेट’, अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा और कानून के छात्र शामिल हैं।

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