नई दिल्ली । अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून 2018 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। सोमवार 10 फरवरी को सुनाए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट पर केंद्र सरकार के संशोधन पर मुहर लगा दी है।
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बता दें कि मार्च 2018 में अदालत ने एससी-एसटी कानून के दुरुपयोग के मद्देनजर इसमें मिलने वाली शिकायतों को लेकर स्वत: एफआईआर और गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगा दी थी। इसके बाद संसद में अदालत के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया गया था। संशोधित कानून की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
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केंद्र सरकार के किए संशोधन के मुताबिक अब एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ अपराधों में अंतिरम जमानत नहीं दी जाएगी। बिना शुरुआती जांच के एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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