बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर बुधवार को फिर से सुनवाई हुई। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी को अपने ओरिजनल दस्तावेज के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। दुष्कर्म पीड़िता ने बिलासपुर पुलिस पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अब इन मामलों में में 7 अगस्त को मामले में अंतिम सुनवाई होगी। मामले में दुष्कर्म पीड़िता ने स्वयं पैरवी की है।
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याचिकाकर्ता दुष्कर्म पीड़िता के मुताबिक पिछले 28 जून की सुनवाई में हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के सिंगल बैंच में मामला लगा था, जिसमे पुलिस ने कोर्ट में जवाब प्रस्तुत कर कहा था कि हम आरोपी को पकड़ने हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच पीड़िता ने कोर्ट के बीच सुनवाई में कहा था कि बिलासपुर पुलिस झूठ बोल रही है और कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। पीड़िता का कहना है कि आरोपी शुभम लालवानी ने अपने असली नाम दीपक लालवानी के नाम से सेशन कोर्ट में बेल लगाया था। जहां उसे हाईकोर्ट के जस्टिस आरसीएस सामन्त के सिंगल बैंच से 21 जून को उसे बेल मिल गया और पुलिस ने 28 जून को कोर्ट को गुमराह करते हुए जानकारी दी।
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गौरतलब है कि कलकत्ता की रहने वाली युवती के साथ राजनांदगांव के रहने वाले युवक शुभम लालवानी ने बिलासपुर के सरकंडा स्थित मकान में अकेली पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद आपसी समझौता के बाद युवती ने शादी के झांसे में आकर युवक की बात मानकर थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई लेकिन उसके बाद भी युवक ने शादी नहीं की। युवती ने इसकी शिकायत थाने में कराई पर दुष्कर्म के आरोपी युवक की गिरफ्तारी नहीं की गई। इसके बाद दुष्कर्म पीड़िता को हाईकोर्ट की शरण में जाकर न्याय की गुहार लगाना पड़ा है।
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