पटना। किसी नई नवेली दुल्हन को जब उसके पति के नामर्द होने का पता चलता है तो उस पर क्या बीतती है, यह बात रीयल लाइफ में तब सामने आई जब बिहारके बक्सर की रहने वाली एक महिला अपने पति की नामर्दगी का इलाज करवाने की गुहार लेकर महिला आयोग पहुंची।
ये भी पढ़ें: ऐसी क्या बात हुई कि डॉक्टर पर फूट पर पड़ा पूर्व मुख्यमंत्री का गुस्सा, फटकार …
बक्सर की रहनेवाली पीड़िता की 11 मई 2018 को उसकी शादी हाजीपुर के के युवक से हुई। शादी के मंडप में पीड़िता को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पति ने खुद के शारीरिक रूप से संबंध कायम करने में असमर्थता जताने की बात कह दी, पति ने बताया कि केवल मां-बाप की खुशी के लिए वो शादी कर रहा है।
ये भी पढ़ें: ऋतिक रोशन इस युवक के डांस के हुए कायल, ट्वीट कर कहा- Smoothest airw…
इस मामले में महिला कुछ बोलती उससे पहले दूल्हे की बहन ने भरोसा दिलाया कि मेडिकल में इसका इलाज है और छह महीने के कोर्स के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा, ननद की बातों में आकर पीड़िता ने युवक से चुपचाप शादी कर ली। शादी के बाद ससुराल पहुंचने पर शुरू में कुछ दिनों तक सबका व्यवहार सामान्य रहा, लेकिन महिला द्वारा पति की नपुंसकता का इलाज कराने की बात पर ससुरालवाले भड़क उठे।
ये भी पढ़ें: पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर, ‘आतंकवादियों से पैसे लेकर सुरंग पार …
अब शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर, ससुराल में साड़ी के अलावा और किसी भी तरह के कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी गई, पीड़िता का आरोप है कि पति के बड़े भाई की नीयत बिगड़ गई और जेठ ने कहा कि लिपिस्टिक के बगैर अच्छी नहीं लगती हो, महिला ने बताया कि उसके ससुर की भी नीयत ठीक नहीं, अक्सर वो उसके बेडरूम ने घुसकर चादर ठीक करने लगता था। इन सब हरकतों से परेशान महिला ने 5 महीने में ही ससुराल छोड़ दिया और मायके आ गई।
ये भी पढ़ें: 12 लाख रुपए में बिक गया राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डीएसपी, दोनों आत…
पीड़ित महिला का आरोप है कि उसका पति डॉक्टर के पास जाने को तैयार नहीं हुआ और बच्चे के लिए बोलने पर गोद लेने की बात कही, तब उसने थक-हारकर बिहार राज्य महिला आयोग जाने का फैसला लिया और उनसे गुहार लगाई कि उसके पति को मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया जाए। आयोग ने पति को भी तलब किंया और उसे पत्नी की इच्छाओं का सम्मान करते हुए अपना इलाज करवने का आदेश दिया।
ये भी पढ़ें: असदुद्दीन ओवैसी ने बताई खुद की कीमत, कांग्रेस से कहा- मेरा रेट बढ़ा…
इस पर भी पति ने मामले को तूल देने का आरोप लगाया और इलाज कराने से मना किया, बिहार राज्य महिला आयोग ने दोनों पक्षों को दो महीने का वक्त दिया है, पति-पत्नी अगले दो महीने तक एक साथ रहेंगे और अगर दोनों के बीच मतभेद बना रहा, तो उस स्थिति में आयोग ने दोनों को तलाक ले लेने का निर्देश दिया है।
Follow us on your favorite platform: