नईदिल्ली। हरियाणा के दोबारा मुख्यमंत्री बनने जा रहे मनोहर लाल खट्टर के परिवार के स्थिति कभी ऐसी थी कि उन्होने खुद भी साइकिल पर सब्जियां बेचीं थी। वे अब फिर से हरियाणा के सीएम बनने जा रहे हैं। शनिवार को वह चंडीगढ़ में राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इसी के साथ एक नया इतिहास भी गढ़ देंगे।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंजाबी फैमिली से हैं। वे काफी समय तक आरएसएस से जुड़े रहे। वहां पर पीएम मोदी भी उनके साथ थे लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी इनके हालात इतने खराब थे कि साइकिल पर सब्जियां बेचने के लिए जाया करते थे। मनोहर लाल ने तीन बार प्री मेडिकल दिया, पर क्लीयर नहीं हो सकता। तभी उन्होंने कमाई करने के लिए दुकान करने की सोची और दिल्ली के सदर मार्केट में कपड़ों की दुकान खोल ली।
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पांच भाइयों में सबसे बड़े मनोहर लाल को शुरू से ही जल्दी उठने की आदत थी। वे ना केवल खुद जल्दी उठते थे बल्कि, सभी भाइयों को भी उठाकर खेत ले जाते थे। मनोहर लाल 24 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे। 1979 इलाहाबाद में हुए विश्व हिंदू परिषद के समागम में पहुंचे और कई संतों और संघ के प्रचारकों से मिले। 1980 में उन्होंने ताउम्र आरएसएस से जुड़ने और शादी न करने का फैसला लिया। उनके इस फैसले का घरवालों ने काफी विरोध किया, पर वे नहीं माने।
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लगातार 14 साल गुजरात, हिमाचल, जम्मू कश्मीर जैसे 12 राज्यों में काम करने के बाद उन्हें 1994 में संघ की तरफ से एक्टिव राजनीति में आने का मौका मिला। 1995 में बीजेपी ने उन्हें हरियाणा का संगठन मंत्री बनाया। 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ गठबंधन कर बीजेपी को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाई। फिर जब देखा कि बंसीलाल सरकार की ठीक नहीं जा रही तो आलाकमान को सपोर्ट वापसी के लिए राजी किया। बाद में इनेलो के साथ इस गठबंधन ने 1999 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीत ली। 2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान करनाल सीट से उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत दर्ज कर हरियाणा के सीएम बने।
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नरेंद्र मोदी जब गुजरात के पहली बार मुख्यमंत्री बने तब उनके पास सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं था। मोदी की तरह मनोहर लाल भी पहली बार ही विधायक बनने के बाद मुख्यमंत्री बन थे। मोदी की तरह मनोहर लाल भी ऐसे नेता हैं, जिन पर पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं है। मोदी ने आरएसएस में अपना जीवन प्रचारक के तौर पर शुरू किया। इसी तरह मनोहर लाल भी लंबे समय तक आरएसएस प्रचारक रहे। मनोहर लाल के पिता की दुकान थी, जिसमें उन्होंने भी काम किया था। जबकि मोदी के पिता की भी चाय की दुकान थी। मोदी की तरह मनोहर लाल को भी आरएसएस में काम करने के बाद सरकार चलाने की अहम जिम्मेदारी दी गई।