नई दिल्ली: अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक और बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। दोनों की नागरिकता की फाइल गृहमंत्री अमित शाह के टेबल पर रखी हुई है और इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। बता दें सुब्रमण्यम स्वामी ने यह बयान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में हैदराबाद में दिया है।
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सांसद स्वामी ने आगे दावा करते हुए कहा है कि सोनिया गांधी भारत की नागरिक नहीं हैं, उनके पास भारत की नागरिकता नहीं हैं। जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इंग्लैंड में व्यवसाय करने के लिए ब्रिटिश नागरिकता का चुनाव किया था। लेकिन राहुल गांधी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन दे सकते हैं, क्योंकि उनके पिता राजीव गांधी भारतीय थे। लेकिन सोनिया गांधी के पास ये विकल्प नहीं है।
कार्यक्रम के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों में भ्रम है, उन्होंने इस कानून को ठीक से पढ़ा नहीं है। इसी के चलते वे इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि विरोध करने वालों ने खुद इस नियम को ढंग से पढ़ा नहीं है और लोगों की बातों में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय मुसलमान इस अधिनियम से प्रभावित नहीं हैं और यह तर्क देना हास्यास्पद है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को नागरिकता के लिए माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान रोहिग्या मुसलमानों को नगारिकता देने से पीछे हट रहा है और कुछ भारतीय चाहते हैं कि पाकिस्तानीयों यहां नागरिकता दिया जाना चाहिए।
स्वामी का कहना है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू धर्म के लोगों की गिनती अल्पसंख्यकों में होती है। यहां अल्पसंख्यंकों के साथ धार्मिक उत्पीड़न किया जाता है। इनके पास भारत ही एक मात्र विकल्प है, दुनिया का कोई भी देश इन्हें नहीं अपनाएगा। स्वामी ने पूछा कि अगर उन्हें नागरिकता दी जा रही है तो किसी को समस्या क्यों होनी चाहिए?
बता दें कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश के कई राज्यों में प्रदर्शन का दौर लगाातार जारी है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 70 दिनों से प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। हालांकि मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो वकीलों को प्रदर्शनकारियों से चर्चा के लिए शाहीन बाग भेजा था, लेकिन बात नहीं बनी। लोगों के मन में ये आशंका है कि एनआरसी और सीएए में नागरिकता को लेकर सरकार दस्तावेज मांगेगी तो हम कहां से देंगे। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने इस बात को स्पष्ट किया है कि सीएए नागरिकता खत्म करने की नहीं, बल्कि नागवरिकता देने का कानून है।