सिंगरौली,मध्यप्रदेश। देवसर शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ प्रोफेसर एवं प्रभारी प्राचार्य के पी पांडे की डिग्री फर्जी होने का दावा किया जा रहा है। आरोप है कि महाविद्यालय देवसर में पदस्थ प्रोफेसर की स्नातक और स्नातकोत्तर मार्क सीट एवं उपाधि फर्जी है। शिकायतकर्ता उसी महाविद्यालय में पदस्थ प्रोफेसर डॉक्टर आर के झा हैं।
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डॉक्टर आर के झा का आरोप है कि महाविद्यालय में पदस्थ प्रोफ़ेसर पांडे ने जो डिग्री अपनी सेवा के दौरान सम्मिलित की है, उसमें यह दिखाया गया है कि प्रोफेसर पांडे ने 1975 में आगरा विश्वविद्यालय से बीए किया जबकि 1975 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण होने का उन्होंने प्रमाण पत्र अपनी सेवा में संलग्न किया है।
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लेकिन प्रोफेसर पांडे ने आगरा विश्वविद्यालय से जो सर्टिफिकेट होने का दावा किया है उसमें आगरा विश्वविद्यालय ने साफ तौर पर कहा है कि 1975 के दौरान काशी नरेश विश्वविद्यालय से डिग्री जारी हुआ करती थी। ऐसे में आगरा विश्वविद्यालय की डिग्री पूरी तरह से फर्जी है। इसी तरह से स्नातकोत्तर की डिग्री भी फर्जी होने का दावा किया जा रहा है।
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प्रोफेसर ने इसकी शिकायत कई सालों से कर रखी है लेकिन इसमें अब तक कोई कार्रवाही नहीं की गई। वहीं इस मामले में अग्रणी कॉलेज के प्राचार्य का अपना अलग ही तर्क है उनका साफ तौर पर कहना है कि मामला उनकी जानकारी में तो है लेकिन कोर्ट में मामला होने का हवाला दे रहे हैं, जबकि इसी दावे को शिकायतकर्ता प्रोफेसर झा ने पहले ही खारिज कर दिया है।
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