जशपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा की भूपेश बघेल सराकर आदिवासी हितैषी सरकार है। उन्होने कहा कि सरकार को शराब बंद करना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है जिसमें आदिवासियों को प्राथमिकता देनी चाहिए
जशपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा की 6 माह में किसी सरकार का आकलन करना उचित नहीं है वैसे छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की हितैषी है, इस सरकार में चीफ सेक्रेटरी जैसे पद पर भी आदिवासी लोग है, उन्होंने कहा की यह क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र है यहाँ आदिवासियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं कांग्रेस की घोषणापत्र में शराबबंदी करने का वायदा पूरा करने के सवाल पर कहा कांग्रेस पार्टी शराब बंदी की बात कह कर सत्ता में आई है तो प्रदेश में तुरंत शराब बंद कर देना चाहिए ।
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नंदकुमार साय ने शराब छुड़ाने के लिए नमक छोड़ने वाली घटना का जिक्र करते हुए बताया की 1970 में जब वो पढ़ रहे थे तब उन्होंने देखा की शराब भट्ठी वाले गरीब आदिवासियों को शराब पिला पिला कर उनकी जमीन – बाड़ी अपने नाम से लिखवा लेते हैं । तब उस समय नन्दकुमार साय ने फरसाबहार में एक बहुत बड़ी बैठक की। नन्दकुमार साय ने बताया कि 23 सितम्बर 1970 को उस बैठक में हमारे ही लोगों को हमारे खिलाफ शराब भट्ठी वाले भड़का दिए थे । लोगों ने बताया की हम लोग शराब छोड़ना चाहते है लेकिन छोड़ नहीं पा रहे हैं।
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इस दौरान गाँव वालों ने कहा की अगर कोई नमक छोड़ देगा तो हमलोग उसको देख कर शराब छोड़ सकते हैं, साय ने पूछा की नमक कौन छोडेगा, गाँव वालों ने कहा की साय जी आप छोडिये, आपको देख कर हम लोगों को हिम्मत आएगी, 23 सितम्बर 1970 से नंदकुमार साय ने नमक छोड़ दिया। नंदकुमार साय ने कहा की शराब इतना ख़राब है की कोई कल्पना नही कर सकता है, शराब के कारण रावण जब राक्षस हो सकता है तो सामान्य आदमी की क्या बात करें
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बता दें कि राष्ट्रीय जनजाति आयोग के चेयरमैन नन्दकुमार साय के बेबाक बयान कई बार भाजपा की ही सरकार को ही संकट में डाल चुके हैं । बड़े आदिवासी नेता ने आदिवासी हित में कांग्रेस की सरकार का गुणगान कर 2023 में प्रदेश के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा आदिवासी को बनाने की बिसात बिछा दी है ।