प्रदेश भाजपा में निराशा का दौर? सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने में फंड की कमी बनी बाधा! | State of despair in BJP? Lack of funds has become an obstacle in creating a movement against the government.

प्रदेश भाजपा में निराशा का दौर? सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने में फंड की कमी बनी बाधा!

प्रदेश भाजपा में निराशा का दौर? सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने में फंड की कमी बनी बाधा!

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 PM IST
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Published Date: January 17, 2020 1:21 pm IST

रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव में बराबरी का मुकाबला होने के बाद भी 10 में से किसी भी नगर निगम में महापौर नहीं बनने से भाजपा पदाधिकारियों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं में हताशा है । कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन शुरू करने के लिए फंड की कमी की वजह से भी हतोत्साहित है।

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भाजपा के मोर्चा प्रकोष्ठ के एक पदाधिकारी का कहना है कि पंचायत चुनाव के पहले भाजपा के ग्रामीण कार्यकर्ता सरकार की एक साल की खामी, किसानों और ग्रामीणों की अनदेखी को लेकर प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी में थे, लेकिन पार्टी के द्वारा फंड की व्यवस्था नहीं होने की वजह से उन्होंने फिलहाल अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

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उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री बड़े नेता सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन खड़ा करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। वहीं पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का भी मानना है कि भाजपा को अब सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाना चाहिए लेकिन ना जाने क्यों भाजपा सुस्त पड़ी हुई है। हालांकि भाजपा के नेता इस संबन्ध में खुल कर बोलने से बच रहे हैं।

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वहीं कांग्रेसी नेता इस पर चुटकी लेते हुए कहते हैं कि जिन नेताओं और मंत्रियों ने भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में करोड़ों रुपए कमाए हैं वे अब शांत बैठ गए हैं। उनका ये भी कहना है कि भारतीय जनता पार्टी इन दिनों छत्तीसगढ़ में बुरे दौर से गुजर रही है।

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