भोपाल। मध्यप्रदेश में कॉलेजों में रेगुलर उपस्थिति दर्ज कराके स्मार्ट फोन की चाहत रखने वाले करीब पौने दो लाख छात्रों की उम्मीदों पर पानी फिरने की संभावना दिख रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रही प्रदेश सरकार इस योजना को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है।
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दरअसल वित्त विभाग में 6 महीने से 150 करोड़ के बजट की फाइल अटकी हुई है। वहीं पिछली सरकार ने 2017-18 के बजट में स्मार्ट फोन खरीदने के लिए 43 करोड़ का बजट निर्धारित किया था, जिसमें मोबाइल की कीमत 2300 रूपये थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने घटिया क्वालिटी की शिकायत के बाद अच्छी क्वालिटी के मोबाइल खरीदने के निर्देश दिए थे।
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लिहाजा स्मार्ट फोन खरीदने के लिए मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा पास हुआ टेंडर विभाग ने पहले ही कैंसिल कर चुका है। प्रदेश के रेगुलर छात्रों को पहले साल फोन दिया जाता है। गौरतलब है कि 2018 में भी 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले लगभग पौने दो लाख स्टूडेंट्स को फोन दिए जाने थे।