रायपुर। 9 दिनों तक चलने वाली जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत आज से हो रही है। भगवान जगन्नाथ बुधवार को भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 15 दिनों के एकांतवास के बाद बाहर निकले। रथ यात्रा के लिए विशाल रथ तैयार किए जा चुके हैं। सबसे पहले रथ में भगवान जगन्नाथ, दूसरे में बहन सुभद्रा और अंतिम रथ में भाई बलभद्र विराजते हैं।
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धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इनके दर्शन से सभी दुख दूर हो जाते हैं। हर साल इस यात्रा का विशेष आकर्षण होता है रथ, जिसमें बैठकर भगवान निकलते हैं। 34 हिस्सों में मिलकर बना रथ कई मायनों में खास होता है। रथ बनाने के लिए लकड़ी का इंतजाम ओडिशा सरकार की ओर किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए ओडिशा के दस्पल्ला के जंगलों से लकड़ियां लाई जाती हैं।
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वहीं इसे बनाने में लकड़ी के करीब 4000 टुकड़ों की जरूरत पड़ती है। राज्य में लकड़ी और पेड़ों की संख्या कम न हो इसके लिए सरकार ने 1999 में पौधरोपण कार्यक्रम शुरू किया था। लकड़ी को इकट्ठा करने की शुरुआत बसंत पंचमी से होती है।
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