भोपाल। मध्यप्रदेश के एक आईएएस रिटायरमेंट के दिन भावुक हो गए, आईएएस रमेश थेटे ने मीडिया को जारी पत्र में कहा कि आईएएस होने के बावजूद मुझे कलेक्टर नहीं बनने दिया और न ही प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति दी। इसके साथ ही उन्होने कहा कि ये सच है कि तुम न्याय नहीं करना चाहते।
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उन्होने आगे कहा कि अब मैं गुलामी से मुक्त हो गया हूं, उन्होने कहा कि सीएम को पत्र भी लिखा, 25 जुलाई को CM शिवराज को पत्र लिखकर सेवानिवृत्ति से पहले प्रमुख सचिव पद पर प्रमोशन मांगा था।
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मध्य प्रदेश के चर्चित आईएएस अधिकारी रमेश एस. थेटे वर्तमान में सचिव, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग पदस्थ थे। पत्र में रमेश थेटे ने कहा साढ़े 3 साल पहले तत्कालीन मुख्य सचिव बी पी सिंह को मैंने वचन दिया था कि जब तक IAS की नौकरी में रहूंगा तब तक मैं मीडिया से बात नहीं करूंगा। मैंने इस वचन को पूरी तरह से निभाया।
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31 जुलाई को मैं आईएएस की नौकरी से सेवानिवृत्त हो गया हूं, एक प्रकार से मेरे लिए गुलामी से मुक्ति है। उन्होंने आगे लिखा मन में ज्वालामुखी उमड़ रहा है और दिल इतना दुखी है। न्यायपूर्ण शासन व्यवस्था लागू करने के जिनके दावों और वादों से अखबारों के पन्ने भरे पड़े होते हैं वह वास्तव में कितने खोखले और अन्याय पूर्ण हैं।