भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। बेंगलुरु गए प्रदेश के छह राज्य मंत्री समेत 19 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा से अपना इस्तीफा दिया है। इधर प्रदेश में सिंधिया समर्थक भी एक एक कर अपना त्याग पत्र कांग्रेस को सौंप रहे हैं।
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वहीं BSP विधायक संजीव कुशवाहा, एसपी के विधायक राजेश शुक्ला बबलू पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पहुंच गए हैं। सीएम शिवराज से एसपी-बीएसपी विधायक की बंद कमरे में चर्चा चल रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार से समर्थन वापस लेकर दोनों विधायक BJP को समर्थन दे सकते हैं ।
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इस बीच मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का भविष्य पार्टी का नेतृत्व तय करेगा । युवा नेता हैं उनके लिए जो भी रोल होगा महत्वपूर्ण होगा । सिंधिया को गद्दार बताने वाले नेताओं को भी यशोधरा ने नसीहत दी है। यशोधरा ने कहा कि सवाल उठाने वाले पहले सिंधिया परिवार का इतिहास पढ़े ।
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मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है। सिंधिया के इस फैसले को कांग्रेस ने गद्दारी बताया है और कहा है कि अब मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी। इधर जिलों से भी सिंधिया समर्थकों का कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टण्डन ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। पिछले डेढ़ साल से पार्टी से नाराज चल रहे थे। कई बार उपेक्षा के आरोप लगा चुके हैं। खबरों के अनुसार अलग-अलग जिलों के करीब 50 से अधिक समर्थकों ने इस्तीफा दे दिया है।