सैनिकों ने किया विद्रोह, इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ही बना लिया बंधक | Soldiers revolt, took the President and Prime Minister of this country hostage

सैनिकों ने किया विद्रोह, इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ही बना लिया बंधक

सैनिकों ने किया विद्रोह, इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ही बना लिया बंधक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : August 19, 2020/5:13 am IST

बामको। पश्चिम अफ्रीकी देश माली में विद्रोही सैनिकों ने मंगलवार को राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता को बंदी बना लिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इससे पहले, दिन में राजधानी बामको से लगभग 15 किलोमीटर दूर काती सैन्य अड्डे पर सैनिकों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। विद्रोहियों ने कई वरिष्ठ सैन्य व प्रशासनिक अधिकारियों को भी नजरबंद कर दिया है। हालांकि, प्रधानमंत्री बौबे सीसे ने विद्रोही से हथियार डालने और बातचीत करने का अनुरोध किया था।

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एक क्षेत्रीय अधिकारी ने अपना नाम नहीं गुप्त रखने की शर्त पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को मंगलवार शाम को बंदी बनाए जाने की पुष्टि की। पिछले तख्तापलट के बाद से ही माली में इस्लामी चरमपंथ बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस की तरफ से हालात को नियंत्रण में काबू में करने की लगातार कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। माली पहले फ्रांस के अधीन था।

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समाचार एजेंसी एएफपी ने विद्रोह के एक नेता के रूप में पहचाने गए एक सूत्र का हवाला देते हुए कहा कि माली में सैनिकों ने राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधान मंत्री बाउबो सिसे को हिरासत में लिया है। उसने कहा कि दोनों नेताओं को राजधानी बामाको में कीटा के निवास से हिरासत में लिया गया है। हालांकि उसके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी।

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इस बीच बड़ी संख्या में राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता के विरोध में लोग राजधानी बमाको की चौक पर इकठ्ठा हुए हैं। वहीं कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने वहां के विद्रोहियों से हिंसा त्यागने की अपील भी की है। विदेशी दूतावासों ने अपने लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी है।

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बता दें कि राष्ट्रपति कीता के खिलाफ भ्रष्टाचार और खराब सुरक्षा व्यवस्था के आरोपों को लेकर जून से ही देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। अमेरिका, फ्रांस और पश्चिम अफ्रीकी देशों ने सैन्य विद्रोह की निंदा की है।

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गौरतलब है कि काती सैन्य अड्डे पर 2012 में भी विद्रोह हुआ था। तब विद्रोह सैनिकों ने तत्कालीन राष्ट्रपति अमडोउ तौमानी टौरे का तख्ता पलट दिया था।