मां दुर्गा का पांचवा स्वरुप है स्कन्दमाता, उपासना से पूरी होती है संतान प्राप्ति की इच्छा, देखें मुहूर्त,पूजन विधि | Skanda is the fifth form of Maa Durga The desire to have children fulfills with worship See Muhurt, worship method

मां दुर्गा का पांचवा स्वरुप है स्कन्दमाता, उपासना से पूरी होती है संतान प्राप्ति की इच्छा, देखें मुहूर्त,पूजन विधि

मां दुर्गा का पांचवा स्वरुप है स्कन्दमाता, उपासना से पूरी होती है संतान प्राप्ति की इच्छा, देखें मुहूर्त,पूजन विधि

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 PM IST
,
Published Date: March 29, 2020 2:54 am IST

ध्रर्म। स्कन्दमाता जगतजननी का पांचवां स्वरूप है। स्कन्दमाता की उपासना नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है। भगवान स्कन्द कुमार का्त्तितकेय नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर-संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां के इस पांचवें स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जाना जाता है। स्कन्दमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, इसलिए इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है।

स्कन्द भगवान की भक्ति स्कन्दमाता की उपासना से स्वयं हो जाती है। नवरात्र के पांचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में स्थित होता है।

ये भी पढ़ें- शिव को समर्पित है मासिक कार्तिकगाई व्रत, जानें महत्व

स्कन्दमाता पूजा मंत्र-

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता सशस्विनी।।

ये भी पढ़ें-चैत्र नवरात्रि: व्रत के दौरान न करें ये 5 बड़ी गलतियां, वरना हो जाए… 

स्कन्दमाता माता पूजा मुहूर्त
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 28 मार्च दिन शनिवार की देर रात 12 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है और 30 मार्च दिन रविवार की देर रात 02 बजकर 01 मिनट तक है। स्कंदमाता की आराधना आज रविवार को सुबह होगी।

ये भी पढ़ें- गणगौर व्रत रखने से मिलते हैं अच्छे जीवनसाथी, जानिए व्रत कथा और विधि

स्कंदमाता की पूजा से होती है नि:संतान की इच्छा पूर्ति
ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने मनवांछित फल प्राप्त होता है। स्कंदमाता की उपासना से नि:संतान दंपत्ति को संतान प्राप्त होती है। आपके सभी शत्रु परास्त होते हैं। स्कंदमाता मोक्षदायिनी भी हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है।