छत्तीसगढ़ विधानसभा का छठवां दिन, देखें सिलसिलेवार घटनाक्रम | Sixth day of Chhattisgarh Legislative Assembly View sequential events

छत्तीसगढ़ विधानसभा का छठवां दिन, देखें सिलसिलेवार घटनाक्रम

छत्तीसगढ़ विधानसभा का छठवां दिन, देखें सिलसिलेवार घटनाक्रम

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 PM IST
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Published Date: March 2, 2020 7:33 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में छठवें दिन की कार्रवाई में कई मुद्दों पर हंगामा चलता रहा।

देखें सिलसिलेवार विधानसभा का घटनाक्रम-

प्रश्नकाल की शुरुआत में बसपा के केशव प्रसाद चंद्र ने किसानों के पंजीयन की जानकारी मांगी।
जांजगीर-चांपा में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों के पंजीयन की जानकारी मांगी ।
पूछा कि 20254 किसानों का रकबा क्यों काटा गया ?
554 किसानों का रकबा क्यों जोड़ा गया ?
आरोप लगाया कि सरकार का षड्यंत्र है कि किसान धान ना बेचना है ।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जवाब में कहा-
जिन्होंने आवेदन किया उनका सत्यापन कर रकबा जोड़ा गया, 20,254 किसानों ने आवेदन नहीं किया तो उनका रकबा काटा गया है।
बसपा के केशव चंद्रा ने कहा कि जिन्होंने रकबा काटा है, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्या करेंगे ।

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भाजपा सदस्यों के आरोप-

सरकार किसानों का धान कम के कम खरीदना पड़े इसलिए रकबा काटा गया है।
वहीं विधायक शिवरतन ने पूछा कि किस आधार पर रकबा काटा गया है
इस पर अध्यक्ष चरणदास महंत ने निर्देश दिया कि पुनः परीक्षण कराकर कार्रवाई करें।

जनता कांग्रेस अजीत जोगी ने चुटकी लेते हुए कहा-
जयसिंह अग्रवाल एक व्यापारी हैं कृषक नहीं, उनसे धान खरीदी और रकबा के संबंध में ज्यादा सवाल न करें, उन्हें ये समझ में नहीं आता है ।
जयसिंह अग्रवाल ने जवाब में कहा
उनका परिवार खेती करता है और वे भी किसानी के संबंध में सब जानते हैं।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने उठाए सवाल-

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अतिथि शिक्षक के संबंध में जानकारी मांगी है।
विद्यार्थियों को अतिथि शिक्षक के रूप में रखे जाने संबंधी नियम कानून की जानकारी मांगी ।
पूछा- नियमानुसार जिन स्कूलों में रिक्त पद थे क्या उन सभी स्कूलों में काम करने वाले विद्या मितान की नियुक्ति कर पद भरे गए ।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई जगह विद्या मितानिन की जगह दूसरे लोगों को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दिया जवाब –

नियमानुसार और पात्रता अनुसार लोगों की नियुक्ति अतिथि शिक्षक के रूप में की गई है ।
विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि जितनी भी शिकायत मिली है उनकी नियुक्ति की जाए ।

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गीदम अंतर्गत वन अधिकार पट्टा मामला-

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और विधायक देवेंद्र यादव ने अपनी सरकार को ही सदन में घेरा
उन्होंने आरोप लगाया की गीदम में पट्टाधारियों को मुआवजा नहीं दिया गया है।
कांग्रेस विधायकों ने आदिवासियों के वनाधिक्कार पट्टा को रद्द करने और मुआवजा प्रकरण का मुद्दा उठाया। कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव ने राजस्व मंत्री से पूछा कि आदिवासियों के वनाधिकार पट्टा क्यों रद्द किया गया। कितने आदिवासियों का जमीन अधिग्रहण किया गया था। कितने आदिवासियों को मुआवजा अब तक दिया गया । मुआवाजा खनिज मद से क्यों दिया गया । क्या खनिज मद से मुआवजा दिया जा सकता है ।

कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम सहित सत्ता पक्ष के अन्य विधायक और जनता कांग्रेस विधायक अजीत जोगी ने भी इस मुद्दे पर राजस्व मंत्री को घेरा। मोहन मरकाम ने कहा कि दंतेवाड़ा के गीदम स्थित जवांगा एजुकेशन सेंटर के लिए जिन आदिवासियों का वनाधिकापट्टा रद्द किया गया, जमीनें ली गई उन्हें अब तक उचित मुआवाजा नहीं मिला है। मुआवजा प्रकरण में भी नियम विरुद्ध काम हुआ है। इस मामले में दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी। अजीत जोगी ने भी पूछा कि क्या वनाधिकार पट्टा रद्द करने का अधिकार अधिकारियों को है, अगर है तो किस नियम के तहत है ।

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इस पर राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच होगी। दोषी पाये जाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर से घिरने के बाद राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कहा कि खनिद मद की राशि मुआवजे की रूप में नहीं दी जा सकती। डीएमएफ से मुआवजा देने का नियम नहीं है. इस मामले की जांच चल रही है। कांग्रेस विधायकों की मांग अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। वहीं इस मामले में भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूर्व सरकार में हुए इस प्रकरण में बचाव करने की कोशिश की।