रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले की जांच के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गठित SIT पर कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। SIT अधिकारियों की ओर से इस बात की सूचना कोर्ट को दी गई। जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें जांच के लिए स्वतंत्र होने की बात कही और जो भी नए तथ्य प्रकाश में आए उससे न्यायालय को अवगत कराने को कहा।
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आपको बता दे कि करीब चार साल पहले नागरिक आपूर्ति निगम में घोटाले का खुलासा हुआ था। जिसके बाद से कांग्रेस इस मामले को लगातार उठाती रही और अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए 12 सदस्यीय SIT का गठन किया। आईजी SRP कल्लुरी के नेतृत्व में गठित की गई है, जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।
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इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई पर पाबंदी लगा दी है। अब सीबीआई छत्तीसगढ़ में बिना राज्य सरकार की अनुमति के नहीं घुस पाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में जांच के लिए अब कोई नया प्रकरण नहीं लेने के निर्देश जारी करे। प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने इस बारे में एक पत्र केंद्रीय कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन मामलों के मंत्रालय तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा है।
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पत्र में केंद्र सरकार को सूचित किया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग ने वर्ष 2001 में इस बारे में केंद्र को दी गई सहमति वापस ले ली है, जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को छत्तीसगढ़ में प्रकरणों की जांच के लिए अधिकृत करने की अधिसूचना जारी की गई थी। बता दें कि ऐसा ही निर्णय आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार पहले ही ले चुके हैं। अब बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई राज्य में जांच नहीं कर पाएगी।