नई दिल्ली। कोरोना वायरस में लॉकडाउन से युवा सहित नौकरीपेशा लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रहीं हैं। सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ऑटोमोबाइल सहित कई क्षेत्रों में कर्मचारियों को वेतन में कटौती, वेतन वृद्घि के साथ ही छंटनी की चिंता सता रही है। कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने कर्मचारियों का उत्साह बनाए रखने को लेकर विभिन्न उपायों पर भी विचार कर रही हैं। वहीं कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए माहौल को हल्का- फुल्का बनाए रखने की कोशिश कर रहीं हैं। कंपनियां कर्मचारियों के हितों के लिए मनोवैज्ञानिकों तक की सेवाएं ले रही हैं।
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कोरोना संकट के इस कठिन दौर में कंपनियों का एचआर विभाग कर्मचारियों के साथ निरंतर बातचीत कर उन्हें विश्वास में लेने की कोशिश कर रहा है। कंपनियां अपने कर्मचारियों से इस कठिन समय में प्रदर्शन को लेकर करियर में प्रगति के साथ अतिरिक्त लाभ देने का वादा कर रही हैं।
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टीमलीज सर्विसेज के व्यापार प्रमुख (औद्योगिक विनिर्माण और इंजीनियरिंग तथा सामान्य कर्मचारी) सुदीप सेन ने इस संबंध में स्पष्टीकरण भी दिया है, उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से कुछ चिंता है क्योंकि यह ऐसी स्थिति है जिसका सामाना संगठनों समेत हममें से किसी ने नहीं किया।’ वेतन वृद्घि को लेकर सभी सेक्टरों में चिंता सालाना वेतन वृद्घि के संदर्भ में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। क्योंकि कोरोना वायरस का नियोक्ताओं के साथ-साथ कारोबार पर असर पड़ा है।’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, खाद्य सेवाएं और महत्वपूर्ण विनिर्माण से जुड़े कुछ काम धंधे अभी खुले हैं। ऐसे क्षेत्रों में कर्मचारी अभी भी कार्यस्थल पर जाकर काम कर रहे हैं।
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