सीधी हादसा...सरकार के लिए कितने सबक? विपक्ष ने पूछा- कई मौतों के बाद ही क्यों जागती है सरकार... | Sidhi accident ... how many lessons for the government? Opposition asked- Why does the government wake up after many deaths?

सीधी हादसा…सरकार के लिए कितने सबक? विपक्ष ने पूछा- कई मौतों के बाद ही क्यों जागती है सरकार…

सीधी हादसा...सरकार के लिए कितने सबक? विपक्ष ने पूछा- कई मौतों के बाद ही क्यों जागती है सरकार...

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 PM IST
,
Published Date: February 18, 2021 6:12 pm IST

भोपाल: मंगलवार को सीधी में भीषण सड़क हादसे में पचास से ज्यादा मौत के बाद पूरा सरकारी तंत्र हरकत में है, क्योंकि प्रदेश के मुखिया ने खुद सीधी में 24 घंटे बिताकर जमीनी हालात देखे और अव्यवस्था, अनदेखी, लापरवारी पर जमकर भड़के। कुछ अफसरों पर गाज गिर चुकी है, कुछ पर आगे एक्शन हो सकता है। मुखिया सड़कों पर उतरे तो प्रदेश के परिवहन मंत्री ने भी वरिष्ठ अफसरों के साथ बसों की चैकिंग का अभियान छेड़ दिया। विपक्ष का आरोप है कि लोगों की मौत के बाद ये सब सियासी नौटंकी है। बड़ा सवाल ये कि घंटों बाद जागी सरकार चेते प्रशासन की ये चेतना आगे कब तक रहेगी?.

Read More: लाल गैंग… नई करवट,नए इलाके! आखिर नक्सलियों ने पत्रकारों के सीने पर बंदूकें क्यों तानी?

सीधी हादसे के 38 घंटे बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ ऐसे तल्ख तेवर के साथ अधिकारियों पर बरसे। बुधवार को मुख्यमंत्री सीधी पहुंचे और 7 गांवों में जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, जमीनी हालात देखने के बाद मुख्यमंत्री ने आरटीओ और रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी के एजीएम और जीएम को निलंबित कर आगे का एक्कशन प्लान पूछा। मुख्यमंत्री की इस सख्ती का असर ये कि गुरूवार को प्रदेश में परिवहन मंत्री और कमिश्नर ने खुद वाहनों की चेकिंग करने सड़कों पर उतरे। पूरे प्रदेश में सात दिन के लिए विशेष चेकिंग अभियान की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री ने सीधी से लौटकर बैठक में निर्देश दिए कि सड़क की मरम्मत, क्रेन की व्यवस्था तुरंत की जाए, वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। प्रदेश में जर्जर घाटों,खराब सड़कों, पुल पुलिया का सर्वे करवा कर सुधार कार्य शुरू कर दें।

Read More: मेडिकल बुलेटिन: छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में आज नहीं मिले एक भी कोरोना मरीज, 2 संक्रमितों की मौत

एक तरफ सरकार ने सीधी हादसे में सबक लेने, एक्शन में आने के सारे संकेत दिए हैं, लेकिन हादसे वाले दिन एक तरफ जब दो मंत्री सीएम के निर्देश पर सीधी पहुंचे तो दूसरी तरफ प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत एक कार्यक्रम में हंसते-मुस्कुराते नजर आए। मौत के बढ़ते आंकड़े और उस तस्वीर के सहारे कांग्रेस ने परिवहन मंत्री को हटाने की मांग की। विपक्ष के मुताबिक सरकार का ये एक्शन ये चेकिंग अभियान कोरी नौटंकी है, सवाल उठाया सरकार हर बार हादसे में कई मौतों के बाद ही क्यों जागती है?

Read More: निलंबित हुई पर्यावरण प्रदूषण मंडल की साइंटिस्ट, अस्पताल में निरीक्षण के दौरान रिश्वत लेने का आरोप

लंबे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी सीधी हादसे में अब तक 3 लोग लापता हैं जिन्हे तलाशा जा रहा है। दूसरी तरफ सरकार और प्रशासन की मुस्तैदी को देख कुछ सवाल अब भी हैं। मसलन जितनी तत्परता हादसे के बाद दिखाई गई वो नियमित तौर पर क्यों नहीं होती? अब भी प्रदेश के कई हिस्सों से खराब सड़कों पर ओवरलोड बसें खतरे का सफर करना रही है? उनपर लगाम कब तक कस पाएगी, देर से सही लेकिन क्या ये मुस्तैदी ये मुहिम आगे भी जारी रहेगी?

Read More: कृषि मंत्री कमल पटेल ने अवैध उत्खनन के खिलाफ खोला मोर्चा, नरसिंहपुर कलेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप