मन्नतों की पहचान बन गई है बेलगहना की सिद्ध बाबा की पहाड़ी, पाताल से शिखर तक कई मंदिरों में होते है भगवान के दर्शन | Siddha Baba's Hill of Belgahana has become the identity of vows Many temples are seen from Hades to the summit.

मन्नतों की पहचान बन गई है बेलगहना की सिद्ध बाबा की पहाड़ी, पाताल से शिखर तक कई मंदिरों में होते है भगवान के दर्शन

मन्नतों की पहचान बन गई है बेलगहना की सिद्ध बाबा की पहाड़ी, पाताल से शिखर तक कई मंदिरों में होते है भगवान के दर्शन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : May 20, 2020/9:22 am IST

बिलासपुर से कोटा-बेलगहना मार्ग पर नवागांव के पास पहाड़ी पर स्थित सिद्ध बाबा आश्रम पर केवल शिवलिंग के दर्शन के लिए लोग नहीं जुटते बल्कि इस स्थान पर कई और सिद्ध मंदिर हैं..जिनमें भक्त आकर आत्मशांति पाते हैं…देवी दुर्गा, जगन्नाथ मंदिर और दत्तात्रेय मंदिर की ख्याति भी दूर दूर तक मशहूर है।

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सिद्धबाबा की पहाड़ी में तारादेवी की मंदिर सिद्ध पीठ के रूप मे विख्यात है। यहां राधाकृष्ण मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर के साथ ही शनिदेव की प्रतिमा, बाबा की समाधि भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। समय के साथ ही साथ सिद्धबाबा की पहाड़ी में भक्ति का भाव बढ़ता गया और यहां लोगों को कई मूर्तियां भी मिली…ऐसे ही एक प्रतिमा को माता तारादेवी के रूप में चिन्हांकित कर उन्हें सिद्धपीठ के रूप में स्वामी सदानंद जी महाराज ने स्थापित किया । मंदिरों पर इस स्थान के ग्रामीणों की काफी आस्था रहती है। विशेष रूप से नवरात्रि में लोग तारादेवी माता के दर्शन करने जरूर आते हैं । माता का मंदिर जमीन से नीचे स्थित हैं, जहां पहुंचने के लिये संकरी सीढ़ियों से होकर जाना पड़ता है। ऐसे ही यहीं पर भगवान शनिदेव का भी मंदिर है। इस मंदिर के पास ही ब्रहमलीन हुये स्वामी सदानंद खाक महाराज जी की समाधि स्थापित की गयी है। दत्तात्रेय भगवान को मानने वाले लोगों का भी यहां स्थित भगवान दत्तात्रेय मंदिर में जमावड़ा रहता है। यहां आने के लिये लोग सैकड़ों सीढ़ियों और ऊंचे घुमावदार रास्तों की भी परवाह नहीं करते।

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कुछ साल पहले यहां पर आधुनिक कला से युक्त राधाकृष्ण और जगन्नाथ मंदिरों का निर्माण स्थानीय लोगों ने करवाया..यहां मूर्तियों का आकर्षण देखते ही बनता है । महाकाली का मंदिर इस पहाड़ी के सबसे आखिरी छोर पर स्थित है यहां माता के कालरात्रि स्वरूप का दर्शन होते हैं । सिद्धबाबा क मंदिर के पास ही यज्ञशाला में समय-समय पर होने वाली पूजा अर्चना और परिक्रमा का लंबा दौर चलता है और हजारों लोग इसमें शामिल होते हैं।

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वहीं पहाड़ी के ऊपर से नीचे का नजारा भी देखते बनता है । सिद्ध बाबा से जुड़े इतिहास को एक जगह पर संजोने का काम भी किया गया है। जहां आस्थाधारी लोग घंटों बैठकर साधना में लीन हुआ करते हैं। मन्नतों की पहचान, आस्था की पहाड़ी, विश्वास के प्रतीक सिद्धबाबा और यहां का आध्यात्मिक माहौल बेलगहना के सिद्धबाबा की ख्याति का कारण है। इस स्थान पर दिनों-दिन बढ़ता लोगों का विश्वास बाबा की महिमा को ही बताता है।