इस धाम में साक्षात हैं शिव, सामान्य परिस्थितियां होते हुए भी कोई पूर्ण नहीं कर पाता मंदिर की परिक्रमा | Shiva is witness in this dham Despite normal circumstances, no one can complete the circumambulation of the temple.

इस धाम में साक्षात हैं शिव, सामान्य परिस्थितियां होते हुए भी कोई पूर्ण नहीं कर पाता मंदिर की परिक्रमा

इस धाम में साक्षात हैं शिव, सामान्य परिस्थितियां होते हुए भी कोई पूर्ण नहीं कर पाता मंदिर की परिक्रमा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : June 20, 2020/9:09 am IST

बैतूल । ताप्ती नदी किनारा…और किनारे पर विराजे देवों के देव महादेव। यहां द्वादश ज्योर्तिलिंगों के दर्शन मात्र से हर जाते हैं सारे संकट । यहां जलाभिषेक से हो जाती हैं सारी मनोकामनाएं पूरी। अपरंपार है ताप्ती नदी के किनारे बसे इस शिव धाम की महिमा । यहां स्वयं ताप्ती सावन मास में बारह ज्योतिर्लिंगों का जलाभिषेक करती है । ऐसा माना जाता है कि इस धाम में शिव साक्षात हैं ।

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बारह शिवलिंगों के अलावा यहां भोले नाथ का एक ऐसा मंदिर भी है। कहा जाता है इस मंदिर की परिक्रमा आज तक कोई पूरी नहीं कर पाया है । महादेव के इस सिद्ध द्वार पर हमेशा आस्था का मेला लगता है, लेकिन हर साल ग्यारस के मौके पर ताप्ती नदी के किनारे तीन दिनों तक एक विशाल मेले का आयोजन होता है। इस मेले में जो सबसे ख़ास बात होती है… वो ये कि इस दिन इलाके भर के लोग अपने घरों में विराजमान देवी-देवताओं की मूर्तियां लेकर आते हैं और उनका ताप्ती नदी में अभिषेक करते हैं।

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सावन मास में पूरे देश में पवित्र नदियों का जल लेकर भगवान भोलेनाथ के अभिषेक की परंपरा है । एक साथ एक ही नदी के जल से एक ही समय में भोलेनाथ के बारह ज्योर्तिलिंगों का अभिषेक केवल यहीं होता है…वो भी पुण्य सलिला ताप्ती के जल से, देश में किसी भी नदी के किनारे दो या तीन द्वादश ज्योर्तिलिंग हैं, लेकिन ताप्ती के उद्गम से लेकर बैतूल ज़िले के सीमा क्षेत्र तक यहां क़रीब बारह सौ शिवलिंगों की लंबी श्रृंखला मौजूद है।