रायपुर। देश के लोगों ने देखा छत्तीसगढ़ी गहनों का सौंदर्य। राजपथ में निकाली गई छत्तीसगढ़ की झांकी को लोगों की भरपूर सराहना मिल रही है। यह झांकी नेशनल मीडिया के साथ ही लोगों के दिलो-दिमाग में छा गई। गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ी गहनों और शिल्प कला पर आधारित झांकी जहां देश भर के लोगों का आकर्षण का केन्द्र बनी वहीं यह सोशल मीडिया पर छायी रही। देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार इसको सराहना मिल रही है।
पढ़ें- छत्तीसगढ़ सरकार ने गांव-गांव में स्वावलंबन और विकास की अलख जगाई- अनुसुईया उइके
दूरदर्शन ने अपने टिवटर हेण्डल पर लिखा कि गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। प्रेस इन्फरमेशन ब्यूरो ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ की रंगबिरंगी झांकी ने समृद्ध संस्कृति और परम्परा प्रदर्शित की है। एनडीटीव्ही ने लिखा है कि राज्य के लोक जीवन के सौंदर्य को कलात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है। छत्तीसगढ़ की आकर्षक झांकी का उल्लेख द ट्रिव्यून, द पायोनियर, द टाइम्स आफ इंडिया, द हिन्दुस्तान टाईम्स ने भी अपने टिवटर हैण्डल पर किया है। द फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने इसे कलात्मक प्रस्तुति बताया है। सोशल मीडिया में झांकी के फोटो और वीडियो साझा किए। अनेक दर्शकों ने अपने टिवटर हेण्डल पर इसकी जबरदस्त सराहना की।
पढ़ें- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 26 जनवरी के कार्यक्रम जारी, आज दिनभर ऐसे …
यह झांकी छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क विभाग के द्वारा बनायी गई है। इस झांकी के निर्माण के लिए पिछले दो माह से तैयारी की जा रही थी। कई प्रस्तावों पर विचार करने के बार इस झांकी का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के लोक जीवन के विशाल फलक को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। झांकी के अगले हिस्से में नंदी की प्रतिमा बनायी गई है। यह प्रतिमा बेल मेेटल से बनी है। बेल मेटल शिल्प छत्तीसगढ़ के प्रमुख शिल्प में शामिल है। यह ढोकरा शिल्प का बेहतरीन नमूना है। छत्तीसगढ़ के गहनों में भी यहां के जीवन की सरलता और सहजता की झलक मिलती है।
पढ़ें- राजपथ पर बिखरी छत्तीसगढ़ की छटा, झांकी पर लोगों ने ट्विटर पर दी प्र…
प्रस्तुत की गई झांकी में आदिवासी युवती पारंपरिक गहनों से सजी धजी है। यहां के गहनों में एक अलग लावण्य भी दिख रहा है। आखरी हिस्से में धान की कोठी बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ को धान के कटोरे के रूप में जाना जाता है। झांकी के साथ अबूझमाड़ के जनजाति लोक कलाकारों द्वारा ककसाड़ नृृत्य की भी आकर्षक प्रस्तुति दी गई।
देखिए वीडियो