रायगढ़। केंद्र व राज्य सरकार ने भले ही लॉक डाउन में उद्योगों को परिचालन की छूट दे दी हो लेकिन जिले में 50 फीसदी से अधिक लघु और मध्यम इकाइयां अब तक पूरी तरह शुरु नहीं हो पाई हैं। कुशल मजदूरों के पलायन कर लेने की वजह से जिले के उद्योग संकट से जूझ रहे हैं। आलम ये है कि उद्यमी अब स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।
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दरअसल रायगढ़ जिले में सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म और छोटी और मध्यम इकाईयों को मिलाकर तकरीबन ढाई हजार उद्योग हैं। लॉक डाउन के बाद से ही ये उद्योग बंद थे। केंद्र व राज्य सरकार से उद्योगों को परिचालन की छूट मिलने के बाद तकरीबन 5 सौ उद्योगों ने परिचालन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन उसके बाद भी 50 से 60 फीसदी उद्योग शुरू नही हो पाए हैं।
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शहर के इंडस्ट्रियल पार्क में छोटे उद्योग अभी भी बंद पड़े हैं। उद्यमियों का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से मंदी की मार है। उस पर अधिकांश श्रमिक झारखंड उड़ीसा या फिर बिहार के हैं जो कि लॉक डाउन के बाद पलायन कर चुके हैं। ऐसे में उद्योगों में प्रोडक्शन संभव नहीं हैं। मध्यम कैटेगिरी के कुछ स्टील उद्योग शुरू भी हो चुके हैं तो वे अब मार्केट में सेल नहीं होने की वजह से बंद करने की स्थिति में हैं।
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उद्यमियों का कहना है कि वर्तमान में मार्केट में मंदी की स्थिति है और केंद्र सरकार से किसी तरह की कोई बड़ी राहत नहीं मिली हैं। बैंकों के कर्ज को देखते हुए उद्यमी परेशान हैं ऐसे में वे स्थिति सामान्य होने के बाद ही प्रोडक्शन शुरु कर पाएँगे।