राजनांदगांव । कोरोना संक्रमण के बीच लोगों में हर्ड इम्यूनिटी का पता लगाने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के द्वारा सीरो सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए आईसीएमआर की टीम राजनंदगांव पहुंची हुई है, जो 2 दिनों तक जिले के विभिन्न गांव में सर्वे कर लोगों के रक्त के नमूने ले रही है।
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छत्तीसगढ़ में आज से हर्ड इम्युनिटी के लिए सीरो सर्वे शुरू हो गया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के द्वारा दो दिन राजनांदगांव सहित प्रदेश के 10 जिले में यह सर्वे स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है। जिसमें रैंडम सैंपलिंग के जरिए प्रदेश में हर्ड इम्युनिटी का पता लगाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के बीच कई ऐसे लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना पॉजिटिव तो हुए हैं लेकिन उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने की वजह से उनमें कोई भी लक्षण नजर नहीं आया।
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वहीं माना जा रहा है कि कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना संक्रमित हुए भी होंगे तो उन्हें पता ही चला होगा। इसी आधार पर लोगों की तगड़ी रोग प्रतिरोधक क्षमता को जांचने सीरो सर्वे करवाया जा रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेन्टर भुवनेश्वर ओडिशा की 7 सदस्यीय टीम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर तीन अलग-अलग टीम बनाकर रक्त के नमूने एकत्रित कर रही है। जिसके तहत प्रथम दिन राजनांदगांव ब्लॉक के नवागांव और सुरगी क्षेत्र से रक्त के नमूने लिए गए हैं। रीजनल मेडिकल रिसर्च सेन्टर भूनेश्वर के डॉ. पुष्पेन्द्र का कहना है कि एक जिले से 500 सैंपल लिये जा रहे हैं, वहीं प्रदेश के 10 जिलों से 5 हजार सैंपल लिए जाएंगे। हर्ड इम्युनिटी के लिए रायपुर, बिलासपुर, जशपुर, बलरामपुर, कोरबा, दुर्ग, राजनांदगांव, मुंगेली, बलौदाबाजार एवं जांजगीर चांपा जिले से सैंपल लिए जा रहे हैं।
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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के द्वारा राजनांदगांव जिले से 500 सैंपल लिए जा रहे हैं। सीरो सर्वे प्रति 10 लाख जनसंख्या में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के आधार पर सैंपल लिया जा रहा है। चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसार कोई संक्रमित बीमारी बड़ी आबादी में विस्तारित हो जाती है तो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता उस बीमारी से लड़ने में कारगर होने लगती है और वे उस बीमारी से ‘इम्यून’ हो जाते हैं, यानि उसमें एंटी-बॉडीज तैयार हो जाती है। .ज्यादा लोगों में एंटी-बॉडीज तैयार होने से संक्रमण फैलने का खतरा भी कम होता जाता है।