सदन में ध्वनि मत से 4546 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित, सीएम ने योजनाओं के व्यय की विस्तार से दी जानकारी | Second Supplementary Budget of Rs 4546 crore passed by voice vote in the House CM gave detailed information about the expenditure of the schemes

सदन में ध्वनि मत से 4546 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित, सीएम ने योजनाओं के व्यय की विस्तार से दी जानकारी

सदन में ध्वनि मत से 4546 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित, सीएम ने योजनाओं के व्यय की विस्तार से दी जानकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : November 26, 2019/4:48 pm IST

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा में राज्य सरकार के वर्ष 2019-20 के द्वितीय अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना शुरू की जाएगी। जिसमें 5 लाख रु तक वार्षिक इलाज की सुविधा मिलेगी। इस योजना का लाभ प्रदेश के लगभग 56 लाख पात्र परिवारों को मिलेगा। दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ की जाएगी। जिसके तहत इलाज के लिए 20 लाख रु तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। सीएम बघेल ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रारंभ की गई ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी’ की प्रगति की जानकारी दी।

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द्वितीय अनुपूरक अनुमान (वर्ष 2019-20) एक नजर में

वर्ष 2019-20 के मुख्य बजट में कुल प्रावधान – 95 हजार 899 करोड़ 45 लाख रु
 प्रथम अनुपूरक का आकार – चार हजार 341 करोड़ 52 लाख रु
द्वितीय अनुपूरक में कुल व्यय प्रावधान- पांच हजार एक करोड़ 6 लाख रु
शुद्ध अनुपूरक मांग की राशि – चार हजार 546 करोड़ 81 लाख रु
 प्रथम एवं द्वितीय अनुपूरक सहित बजट का आकार- एक लाख 4 हजार 787 करोड़ रु

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राजकोषीय घाटे को सीमा में रखने के लिए अनुत्पादक खर्चों में कटौती करते हुए मितव्ययता के साथ व्यय एवं अतिरिक्त राजस्व वृद्धि के उपाय किये जाएंगे, ताकि वर्ष के अंत में वित्तीय घाटे को निर्धारित सीमा कुल जी.एस.डी.पी. के 3 प्रतिशत के भीतर रखा जा सके। मुख्यमंत्री बघेल ने सदन में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 19 नवम्बर 2018 के पूर्व से काबिज कब्जा धारकों को भू-स्वामित्व का अधिकार दिया जाएगा तथा पूर्व के पट्टा धारियों को पट्टा नवीनीकरण की भी सुविधा दी जाएगी। इससे एक लाख शहरी गरीब परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोर जमीन-मोर मकान योजना में हितग्राहियों को दो लाख 29 हजार रु की वित्तीय सहायता भी प्राप्त हो सकेगी। शहरी नागरिकों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना और प्रदेश के परम्परागत लघु व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी नगरीय निकायों में पौनी-पसारी योजना शुरू की गई है। इसके तहत 30 लाख रु की लागत से 255 पौनी-पसारी बाजारों का निर्माण किया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों मे शुद्ध पेय जल व्यवस्था, सीवरेज सिस्टम, सार्वजनिक पार्क तथा गार्डन निर्माण इत्यादि मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए द्वितीय अनुपूरक में 300 करोड़ रु का अतिरिक्त प्रावधान किया जा रहा है।

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प्रदेश के एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले 09 शहरों में एक हजार 900 करोड़ रूपए तथा एक लाख से कम जनसंख्या वाले 12 शहरों में 190 करोड़ रु की लागत से पेयजल आवर्धन योजनाओं का काम तीव्र गति से कराया जा रहा है। इससे तीन लाख 50 हजार परिवारों को उनके आवास में नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। स्वच्छ भारत मिशन योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट में 17 करोड़ रु का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2015 से दिसम्बर 2018 तक शहरी क्षेत्रों में मात्र 8 हजार आवासों का निर्माण हुआ था। जबकि जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान दस माह की अल्प अवधि में 38 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। नगरीय क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत स्लम क्षेत्रों में आयोजित 507 स्वास्थ्य शिविरों में 50 हजार से अधिक लोगों का उपचार किया गया है। इसी तरह राज्य के दूर-दराज गांवों में रहने वाले अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना शुरू की गई है। इसके तहत अब तक एक हजार 755 हाट-बाजारों में 11 हजार 170 हाट-बाजार क्लिनिक में छह लाख 50 हजार मरीजों को लाभ पहुंचाया जा चुका है।

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प्रदेश में सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक के विद्युत व्यय भार पर आधी छूट का लाभ एक मार्च 2019 से दिया जा रहा है। इस योजना से 31 लाख 73 हजार घरेलू उपभोक्ता लाभांन्वित हो रहे है। मुख्य बजट तथा प्रथम अनुपूरक सहित इस योजना के लिए 518 करोड़ रु का प्रावधान रखा गया है। हितग्राहियों की संख्या में अनुमानित वृद्धि देखते हुए द्वितीय अनुपूरक में इस योजना के लिए 282 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में अधोसंरचनात्मक सुविधाओं के विस्तार के लिए 57 करोड़ रु और अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति के लिए 23 करोड़ रु तथा अनुसूचित जनजाति पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट में 89 करोड़ रु का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत स्कूल शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों के लिए 400 करोड़ रु तथा निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए 120 करोड़ का प्रावधान किया गया है। शिक्षक पंचायत से नियमित शिक्षक में सविलियन किए गए शिक्षकों के वेतन भत्तों के भुगतान के लिए 110 करोड़ रु का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।

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