कोरबा। महज 24 घंटे में दस लाख टन कोयला उत्पादन करने वाली एसईसीएल देश की पहली कंपनी बन गई है। एक दिवसीय उत्पादन में कोरबा की गेवरा खदान ने 3.15 लाख टन कोयला निकाला और इसके साथ ही परियोजना ने चालू वित्तीय वर्ष में कुल 44 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर नया रिकॉर्ड बनाया। वहीं कुसमुंडा खदान से शुक्रवार को 2.86 लाख टन कोयला उत्खनित हुआ। चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब महज तीन दिन शेष रह गया है। ऐसी स्थिति में एसईसीएल ने अपना उत्पादन टारगेट हासिल करने पूरा जोर लगा दिया है, पर कंपनी टारगेट से पीछे रहेगी। इसकी मुख्य वजह दीपका में लीलागर नदी का पानी भरने से लगभग 15 मिलियन टन पीछे होना है। हालांकि वर्तमान में दीपका खदान बेहतर उत्पादन कर रही है और परियोजना ने एक दिन में 2.40 लाख टन कोयला उत्पादन किया।
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इधर सबसे बड़ी परियोजना गेवरा ने 25 घंटे में 3.15 लाख टन कोयला उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है, पिछले वर्ष कंपनी ने एक दिन में 3.07 लाख टन कोयला निकाला था। मेगा प्रोजेक्ट की ओर अग्रसर कुसमुंडा परियोजना को 42.50 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है और परियोजना इसे हासिल करने जुटी हुई है।
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कुसमुंडा परियोजना ने अभी तक 41 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है। कोरबा एरिया को 13500 टन कोयला निकालना था, पर 8795 टन कोयला ही निकल सका। कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनी में एसईसीएल ही सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी बनी हुई है। एक दिवसीय उत्पादन का रिकॉर्ड भी कंपनी ने पहली बार बनाते हुए 10 लाख 15 सौ 26 टन कोयला उत्खनित किया गया। इसके पहले कंपनी से अधिकतम 8.50 लाख टन कोयला ही निकाला जा सका है।