स्कूल बना पोल्ट्री फॉर्म ! कभी पढ़ते थे बच्चे..अब पाले जा रहे कड़कनाथ मुर्गे  | School made poultry farm! Once children used to study.. now Kadaknath chickens are being raised

स्कूल बना पोल्ट्री फॉर्म ! कभी पढ़ते थे बच्चे..अब पाले जा रहे कड़कनाथ मुर्गे 

स्कूल बना पोल्ट्री फॉर्म ! कभी पढ़ते थे बच्चे..अब पाले जा रहे कड़कनाथ मुर्गे 

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : June 13, 2021/12:23 pm IST

सागर। बीना के मनऊँ गांव का स्कूल भवन पोल्ट्री फॉर्म बना हुआ है,2015 में स्कूल में बच्चों का नामांकन शून्य होने के चलते स्कूल को शिफ्ट कर दिया गया था,शिक्षकों को भी दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया था और स्कूल भवन को पंचायत के अधीन कर दिया गया था, लापरवाही का आलम यह है की पंचायत की अनदेखी के चलते यहां पर लोगों ने मुर्गी पालन शुरू कर दिया है, स्कूल भवन मुर्गा-मुर्गियों का पोल्ट्री फॉर्म बना हुआ है। 

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मामला बीना के किर्रोद ग्राम पंचायत के मनऊं गांव का है, जहां प्राथमिक शाला मनऊं 2015 मेंं बच्चो के नामांकन शून्य होने के चलते बंद हो गयी थी, शिक्षकों को भी दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया था और स्कूल भवन को पंचायत के अधीन कर दिया गया था, लेकिन पंचायत कर्मियों के लापरवाही के चलते लोगों ने स्कूल में मुर्गा-मुर्गी पालना शुरू कर दिया और स्कूल भवन पोल्ट्री फार्म बन गया इस तरह पंचायत कर्मियों की अनदेखी के चलते सरकारी स्कूल भवन का निजी इस्तेमाल किया जा रहा है। 

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स्कूल बंद होने के बाद पंचायत के द्वारा स्कूल भवन का रखरखाव सही तरीके से किया जाता तो दूसरी गतिविधियां भी स्कूल भवन में शुरू की जा सकती थी, इस पूरे मामले में जनपद सीईओ बीना आशीष जोशी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया हैं, ग्राम मनऊँ ग्राम में शासकीय स्कूल की बिल्डिंग है उसमें कुछ लोगों के द्वारा अपने काम धंधे किए जा रहे हैं जो पूर्णत: गलत हैं, चाहे स्कूल हो या कोई भी शासकीय भवन हो वह शासकीय है। शासन की बिना अनुमति के कुछ भी प्रायोजित किया जाना बिल्कुल गलत है,मैंने अभी सचिव को निर्देश दिए हैं कल या परसों तक यह अवैध क्रियाएं वहां से पूरी तरह हट जाएगी। 

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दूसरी तरफ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेश ठाकुर का कहना है, प्राथमिक शाला मनऊं में शून्य नामांकन होने के कारण सत्र 2015 में उसे बंद कर दिया गया है और उसमें जो पदस्थ शिक्षक थे उनको दूसरे स्कूल में पदस्थ कर दिया गया है, बिल्डिंग पंचायत के अधीन है पंचायत की देखरेख में है।